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दिल्ली के डॉक्टर ने खोजा प्रतिदिन 1 किलो वजन कम करने का आसान तरीका बिना किसी कसरत या परहेज के

हमें हमारे पाठकों द्वारा सैकड़ों ई-मेल आ रहे हैं जो इस नए तरीके का प्रयोग करके प्रतिदिन 1 किलो वजन कम कर रहे हैं। पहले तो हमने विश्वास नहीं किया और इसे नजर अंदाज करने का फैसला किया जैसा कि वजन कम करने के हर लुभाऊ तरीके को करते हैं, लेकिन इसके परिणाम बेहद आश्चर्यजनक थे तो हमने इसके बारे में पता लगाने और पूछताछ करने का फैसला लिया। हमारे बहुत से पाठकों ने 30 दिनों के अंदर कम से कम 28 किलो तक वजन कम किया है वो भी बिना किसी कसरत, दौड़-भाग, महंगे ऑपरेशन या अपने पसंदीदा खाने से दूर रहके! स्वास्थ्य रिपोर्ट ने यह निर्णय लिया कि जिस व्यक्ति ने इस क्रांतिकारी उपाय का अविष्कार किया उसका पता लगाएं और उनके इस आविष्कार करने की कहानी के बारे में जानें।



जाने माने जैव-चिकित्सक डॉक्टर सिद्धार्थ कुमैल को इस उपाय को खोजने का और वजन घटाने के उद्योग-धंधों के सालों से छुपाये बड़े झूठ से पर्दा उठाने का श्रेय दिया जाता है। डॉ. सिद्धार्थ कुमैल ने इस क्रांतिकारी उपाय की खोज तब की जब वह एम्स नई दिल्ली के प्रतिष्ठित अनुसंधान विभाग में काम कर रहे थे, और अब दवा बनाने वाली कंपनियां कोशिश कर रही हैं कि यह आसान सा उपाय प्रतिबंधित कर दिया जाए। इससे पहले कि यह तरीका अदालत की प्रणाली के चक्कर में पड़े, आप पढ़ लें कि बिना किसी कसरत, परहेज, महंगे और दर्दभरे ऑपरेशन के कैसे प्राकृतिक तरीके से अपना वजन कम कर सकते हैं!


 

डॉ. कुमैल की आश्चर्यजनक खोज...


हर आम दिन की तरह ही वो भी एक आम दिन था जिस दिन मेरी जिंदगी पूरी तरह से बदल गयी। मैं अपने बायो-इंजीनिरिंग क्लासेज में पढ़ाने और एम्स टीचिंग हॉस्पिटल में चक्कर लगाने के बीच में था तभी मेरी मां का फोन आया। उन्हें पता था कि मैं काम में व्यस्त होऊंगा तो वो कभी फोन नहीं करती थी जब तक की कोई महत्वपूर्ण काम नहीं हो। जब मैंने उनका नाम अपने फोन में देखा तो मैं तुरंत ही घबरा गया और फोन उठाया।


आगे उन्होंने जो मुझे बताया उसने मुझे पूरी तरह से तोड़ दिया। मेरे छोटे भाई कपिल, जो सिर्फ 33 साल का था, उसे बहुत बड़ा हार्ट अटैक आया था और उसे एम्बुलेंस द्वारा उसी अस्पताल लाया जा रहा था जहां मैं काम करता था।


मैं क्लास से बाहर निकला और दौड़ते हुए नीचे की ओर गया। मेरी आंख में आंसू आ गए थे और मैं सोचने लगा था कि क्या मेरा भाई ठीक होगा? हार्ट अटैक कितनी बुरी तरीके से आया होगा? क्या उसे ऑपरेशन की जरुरत पड़ेगी? मैं जानता था कि मैं अपने भाई का ऑपरेशन नहीं कर पाऊंगा क्योंकि मैं बहुत भावुक हो गया था। मैं अपने दिमाग में उन सहयोगी डॉक्टरों के नाम सोचने लग गया था जो मेरी जगह ऑपरेशन कर सकते थे, लेकिन आगे जो हुआ वो उससे भी ज्यादा बुरा था जितना मैंने सोचा था। जैसे ही वे कपिल को इमरजेंसी रूम में लेकर आए, मैंने देखा की वह स्ट्रेचर पर लेटा हुआ है और हिल नहीं पा रहा है। वो सांस भी नहीं ले रहा था।


हम उसे एक प्राइवेट रूम में लेकर गए और मैंने बेसब्री से उसे पुनर्जीवित करने की 10 मिनट तक कोशिश की जो कि बहुत लंबे लग रहे थे। मैंने उसे तभी छोड़ा जब नर्स ने मुझे उससे हटाते हुए कहा कि अब वो नहीं रहा।


मैं पूरी तरह से टूट चुका था। मेरे भाई की महज 33 वर्ष की उम्र में मृत्यु हो गयी थी।


मैं उस दिन की भावनाओं से उबर नहीं पाया था। मेरी पूरी दुनिया मेरे सामने तबाह हो गयी थी। मुझे लग रहा था जैसे मेरी ये शिक्षा कोई काम की नहीं है। अगर मैं खुद के भाई को नहीं बचा पाया तो डॉक्टर होने का मतलब ही क्या है? मेरी मां भी सदमे में थी जब मैंने उन्हें यह बात बताई। उन्हें हफ्तों लग गए इस बात पर यकीन करने में कि उनका बेटा अब सचमुच इस दुनिया में नहीं रहा।


उन्होंने मुझसे बात करने से भी मना कर दिया। वो सोच रही थी कि मैं उसे बचा सकता था पर मुझे ये बात मालूम था कि मैं उस समय कुछ भी नहीं कर सकता था।


मेरी भाई की मृत्यु गहरा सदमा था, यह कोई रहस्य नहीं था। कपिल की मृत्यु का बड़ा कारण उसका मोटापा था। उसकी धमनियां भर चुकी थी उसे बस एक स्टेंट की जरुरत थी जिससे उसकी जान बच सकती थी। पहले मुझे लगता था कि हम 8 मिनट देर थे। अगर वो 8 मिनट पहले पहुंचता तो हम उसकी जान बचा सकते थे। लेकिन वास्तव में हम लोग कई साल पीछे थे। अगर केवल कपिल ने अपने मोटापे को गंभीरता से लिया होता। अगर उसे केवल यह अहसास होता कि अपने वजन की वजह से वह कितना अस्वस्थ और बीमार है। आखिरकार मैंने सैकड़ों मरीजों को सिर्फ मोटापे से होने वाली परेशानियों की वजह से जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कैंसर की वजह से अपने बाहों में दम तोड़ते देखा है।


उस दिन के बाद मैं फिर से सर्जरी नहीं कर पाया, जब भी कभी मैं कोशिश करता तो मेरे हाथ कांपने लगते। जब भी कभी मैं ऑपरेशन टेबल पर किसी शरीर को देखता तो उसमें मुझे मेरा भाई कपिल नजर आता। मुझे पता था मैं सर्ज़री करने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं हूं। कैसे भी, मुझे मोटापे के बारे में कुछ तो करना था और इसका उपाय ढूंढना था जिससे जो अनगिनत लोग अत्यधिक मोटापे के कारण मर रहे है उन्हें बचाया जा सके।


मैंने अपनी मेडिकल प्रैक्टिस छोड़ने का फैसला लिया और मैं एम्स में एक फुलटाइम प्रोफेसर और शोध विद्यार्थी बन गया। मैंने अपने आपको वसा कोशिकाओं के उत्पादन की विभिन्न प्राकृतिक निष्कर्षो के प्रभावों को पढ़ने में लगा दिया। मेरा लक्ष्य था कि मोटे पुरुषों और महिलाओं की जिंदगियों को बचाने का आसान रास्ता तलाश करूं। दुनिया में लाखों लोग अपने मोटापे से परेशान रहते हैं लेकिन अधिकतर के लिए खाने-पीने में परहेज का तरीका अनुसरण करना काफी कठिन रहता है। और तो और, अधिकतर वजन कम करने वाले कार्यक्रम, जिसे स्पा-क्लीनिक की से प्रसारित किया जाता है उनका खर्च 40,000-50,000 रुपये होता है, और इतने ज्यादा खर्च के बावजूद, जो परिणाम होते हैं वो बहुत ही दुखदायी होते हैं। वे सिर्फ आपके शरीर में पानी का भार काम करवाते हैं इसलिये एक महीने के अंदर आपका वजन फिर बढ़ जाता है। यही वजह है कि वजन कम करना प्रायः एक असंभव सा काम लगता है।


कपिल के अंतिम संस्कार के बाद मैं एम्स में सीधे अपने प्रयोगशाला गया। मैंने खुद से वादा किया कि मैं अपने जीवविज्ञान में विशेष ज्ञान का इस्तेमाल मोटापे का उपाय ढूंढने के लिए करुंगा, और बाकियों को बेवजह मौत से उन्हें बचाऊंगा। रोजाना मैं 6 बजे प्रयोगशाला में पहुंच जाता और इससे पहले कि मैंने कुछ करूं मैं अपने भाई की तस्वीर देखता और मुझे याद आता कि मैं वहां क्यों था।


मेरा प्रयोग खास तौर से पेट, कूल्हों और कमर में होने वाली असामान्य चर्बी पर केंद्रित था। मुझे पता था कि सालों से वजन बढ़ने की वजह से पाचन क्रिया धीमी गति से होती है, जिस वजह से लोगों के लिए चर्बी को प्रभावी रूप से कम करना कठिन हो जाता है। मैं एक ऐसा जैविक घोल बनाना चाहता था जो इस सख्त चर्बी को निशाना बनाए और साथ ही उसी समय शरीर की पाचन क्रिया को भी बढ़ाए।


मैंने प्रयोग पर प्रयोग किये, मैंने वसा कोशिकाओं का घोलनीकरण, छंटनीकरण, क्रिस्टलीकरण और पुनःक्रिस्टलीकरण करके इस रहस्य को सुलझाने की कोशिश की। यह काम बहुत ही ज्यादा और शारीरिक रूप से थका देने वाला था। मैं पूरा दिन वजन कम करने के तरीकों के प्रयोगों की खोज करता था और सारी रात उन्हें प्रयोगशाला में परखता रहता था। मेरा सबसे बड़ा प्रेणास्त्रोत मेरे भाई की तस्वीर थी। ये मुझे हमेशा याद दिलाती रहती थी कि दांव पर क्या लगा है।


दो साल के प्रयोग के बाद भी मेरे पास कोई ठोस समाधान नहीं था और मैं हताश होने लगा था। मेरे सहयोगी मेरी काबिलियत पर शक करने लगे थे, और मैं चिंतित था कि अगर मुझे इसका समाधान नहीं मिला तो मेरे भाई की तरह ही लाखों और लोगों मौत हो जाएगी। मैंने दुनियाभर की सैकड़ों असामान्य टॉनिक, फंगल उपभेदों और जड़ी-बूटियों की जांच की, हालांकि इससे मैं किसी परिणाम तक नहीं पहुंच सका। अब जांच करने के लिए मेरे पास आखिर फल ही बचा था और इसी के साथ मैंने योजना बनाई कि मैं इस प्रयोग को छोड़ दूंगा और किसी आसान अध्ययन क्षेत्र की ओर रुख करूंगा।


जो अंतिम फल था वह एक स्वादिष्ट अफ्रीकन बेरी था जो कांगो के सुदूर क्षेत्र में पाया जाता है। मेडिकल स्कूल में मैंने प्राचीन दवाइयों के बारे में सिखा था और मुझे याद है मेरे प्रोफेसर ने मुझे बताया था कि कैसे एक अफ्रीकन जनजाति शिकार में जाने से पहले अपनी पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए इन फलों का सेवन करती है जिससे कि वो अधिक चुस्ती और ऊर्जा बनाए रखें।


यह जनजाति अपनी शिकार की क्षमता के लिए जानी जाती थी और हजारों साल तक दूसरी जनजाति की धमकी के बिना जीवित बचे रहे। मैं जानता था किसी भी जनजाति के लिए इतने लंबे समय तक जीवित रहने के लिये उन्होंने अपार मेहनत की होगी और सबसे बेहतर बने होंगे। जब मैंने इस प्रयोग का जिक्र किया तो मेरे सहयोगियों ने सोचा कि मैं पागल हो गया हूं। “तुम सच में मोटापे को एक जादुई फल से ठीक करना चाहते हो ?” वे सब हंसते थे, “तुम कल्पनाओं में जी रहे हो!”


जब यह विलक्षण फल मेरे पास आया तो मैं घबराया हुआ था लेकिन मुझे मालूम था कि मेरे पास खोने को कुछ नहीं है। मैंने फल को ओवन की मदद से सुखा दिया, उसे पीस दिया फिर सेलाइन सॉल्यूशन में मिला दिया। फिर मैंने सॉल्यूशन प्रयोगशाला में उगाए मोटे टिश्यू पर डाल दिया और सबसे बेहतर की कामना करते हुए घर चला गया।


अगली सुबह जब मैं प्रयोगशाला में आया तो मैं निराश होने के लिए तैयार था लेकिन मैं देखकर दंग रह गया कि आधी चर्बी पिघल गई थी। मैं अपनी आंखों पर भरोसा नहीं कर पा रहा था। मैंने अपने रिसर्च और औषधि के इतने सालों में ऐसा कभी नहीं देखा था कि एक सामान्य से फल ने सच में चर्बी को कम कर दिया था। वही चर्बी जिसे कम करना कभी असंभव कहा जाता था। रासायनिक स्तर पर फल ने चर्बी को कम करने में रफ्तार दी थी और वसा ऊतकों में कोशिकाओं की पाचन क्षमता को बढ़ा दिया था जिस वजह से जब जनजातीय पुरुष शिकार में जाते थे तो ऊर्जा से भरपूर रहते थे। उनकी वसा ऊतक तुरंत ही ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती थी।


मैं खुशी के मारे झूमने लगा था। ये वही उपाय था जिसकी मैं खोज कर रहा था। मुझे पता था अगर मैं मानव परीक्षण के लिये विश्वविद्यालय गया तो मुझे अनुमति लेने में महीनों लग जाएंगे लेकिन मैं इतना लंबा इंतजार नहीं कर सकता था इसलिए मैंने फैसला किया कि इसे मैं अपने ऊपर और गिनी पिग के ऊपर प्रयोग करके देखूंगा।


मुझे पता था मेरे पास वक्त बिल्कुल भी नहीं था इसलिए मैं रोजाना अपना खाना बढ़ाने लगा और नतीजे रिकॉर्ड करने लगा।


एक हफ्ते बाद, मैं पूरी तरह अचंभित था। मेरी ऊर्जा का स्तर बढ़ गया था और मुझे भूख भी नहीं लगा था। मुझे अपने आंखों पर भरोसा ही नहीं हो रहा था। मैंने 5.7 किलो वजन घटा लिया था। मैं प्रभावित तो हुआ था लेकिन आश्वस्त नहीं था। हो सकता है मैं केवल शरीर में पानी का वजन ही घटा रहा होऊंगा जैसा कि आप किसी डाइट के प्रारम्भ में घटाते हैं। मैंने फल लेना लगातार जारी रखा और हर दिन मैं पहले से ज्यादा ऊर्जा के साथ उठता था। मैं पहले से ज्यादा गहरी नींद में सोने लगा। मैं अब रात में ज्यादा देर तक नहीं जगता था क्योंकि मेरा शरीर अब सच में आराम करने के लायक हो गया था (मुझे लगता है ये टॉक्सिन्स बंद करने का परिणाम है)। एक और हफ्ते बीतने पर मैंने 6.3 किलोग्राम और कम कर लिया था, मैंने महज 2 हफ़्तों में 12 किलोग्राम कम कर लिए थे, ये अविश्वसनीय था।


जब मैंने पाया कि मेरा सॉल्यूशन सच में कारगर साबित हो रहा है तो मैं जान गया कि मुझे इसे दुनिया के सामने लाना चाहिए। अगले कुछ महीनों में मैंने अपने जैविक फल मिश्रण को खास बनाया और उसे आसानी से निगलने वाले कैप्सूल के रूप में परिवर्तित कर दिया। फिर, मैंने MIT के वैज्ञानिक पीटर मोलनार के साथ मिलकर काम किया जिससे हमेशा के लिये यह साबित कर सकूं कि मेरे वजन घटाने का सॉल्यूशन सच में कारगर है। दुनियाभर के 1200 मरीजों के साथ हमने क्लिनिकल परीक्षण का आयोजन किया, 97% मरीजों ने 30 दिन में कम से कम 15 किलोग्राम वजन घटाया। जिन महिला और पुरुषों ने इस आयोजन में हिस्सा लिया था वो भी परिणाम से उतने ही अचम्भित थे। वे अब स्वस्थ थे, ज्यादा आत्मविश्वास आ गया था और विपरीत सेक्स की ओर अधिक आकर्षक थे। (कुछ के परिवार वाले उन्हें पहचान तक नहीं पाए!)


मैं सफल महसूस कर रहा था लेकिन मैं संतुष्ट नहीं था जब तक कि मेरे संबंध मेरी मां से ठीक नहीं हो जाते। कपिल की मृत्यु हुए अब 3 साल हो चुके थे लेकिन हमने अब तक एक-दूसरे से बात नहीं की थी। मैंने उन्हें फोन किया और कई बार टालने के बावजूद मैं उन्हें प्रयोगशाला में बुलाने में कामयाब रही। मैंने उन्हें अपने प्रयोग के तथ्य दिखाए और उन मरीजों से भी मिलवाया जो पतले हो गए थे। उन्होंने कुछ भी नहीं कहा तो मैंने सोचा कि वो गुस्से में हैं। मैंने माफी मांगना शुरू कर दिया तभी उन्होंने मुझे अपनी बाहों में भरते हुए गले लगा लिया। वो मेरे कंधे पर सिर रख कर रो रही थी और मुझे जोर से गले लगाए हुए थीं। जब वह जाने लगी तो उन्होंने राहत की सांस ली। “मुझे तुम पर बहुत गर्व है” उन्होंने कहा। “मैं आशा करती हूं कि कोई भी मां अपने बेटों को मोटापे की वजह से नहीं खोएंगीं।” मैं भी रोने लग गया। वह मेरी ज़िन्दगी का यादगार लम्हा था।


तब से, मेरे वजन घटाने का उपाय और लोकप्रिय होता चला गया। हॉलीवुड और बॉलीवुड के बड़े-बड़े सितारों ने मेरे इस फॉर्म्यूले का उपयोग करके अपने शरीर से अच्छी खासी चर्बी कम की है। उनका जीवन बचाने के लिए दुनियाभर के लोगों के हर रोज मुझे धन्यवाद से भरे खत मिलते थे। मेरा उपाय ही केवल पूर्ण-प्राकृतिक, सस्ता तरीका था जो वजन घटाने की गारंटी देता था। यह कई बड़े मेडिकल पत्रिकाओं और राष्ट्रीय प्रकाशनों में छप चुका था


यह तरीका कैसे मोटापा कम करता है?


हो सकता है ये आपको अविश्वसनीय और अजीब लगे लेकिन मैं आपको बता रहा हूं कि ये जादुई इलाज काम कैसे करता है।


इस जादुई फल को प्राकृतिक आक्सीकरणरोधी, गारसिनिया कम्बोजिया के साथ मिश्रण करके बनाया जाता है, यह बेहतरीन घोल आपकी पाचन शक्ति को बढ़ा देता है, शरीर को स्वस्थ कर देता है, ऊर्जा को दस गुना बढ़ा देता है और सचमुच में चर्बी को रात भर में कम कर देता है। साथ ही साथ ये नैचुरल एजेंट्स आपको हानिकारक टॉक्सिन्स से छुटकारा दिलाता है और आपके शरीर को लंबे समय के लिए कैलोरी घटाने में मदद करता है। टॉक्सिन्स से शरीर को साफ करने और पाचन क्रिया को सही रखने से शरीर में सही तालमेल बना रहता है जिससे चर्बी आसानी से कम हो जाती है।


कई अध्ययनों में यह खुलासा हुआ है कि अधिक भार की महिलाओं और पुरुषों को सही कमाई वाली नौकारी मिलने में और विपरीत लिंग वाले लोगों को आकर्षित करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वो अवसाद, सामाजिक व्याकुलता और आत्मविश्वास में कमी महसूस करते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो: अधिक वजन होना जिन्दगी के हर पहलु में नकारत्मकता ला देता है।


लेकिन चिंता ना करे: कई साल के मोटापे को कम करने का पहला कदम है कि पाचन क्रिया की धीमी प्रक्रिया को शुरू करना। मेरे वजन घटाने की जादुई कोशिश की तकनीक बिल्कुल ऐसे ही काम करती है! पोषक तत्वों का सही माप करके, कोशिका स्तर पर पाचन शक्ति को गति प्रदान करता है, और सालों को जमी चर्बी को कम कर देता है-जिससे कि आप पतले हो जाएं और वैसे ही बने रहें।


इसका मतलब है वर्षों की चर्बी को घटाना- हमेशा के लिये!


मैं इस उपाय को उन सब के सामने लाने के लिये संकल्पित था जिन्हें भी मोटापे से होने वाली मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है, मैंने उस जादुई फल को निचोड़ कर एक गोली में डाल दिया और उसे GREEN COFFEE EXTRACT नाम दिया। मुझे पता था मैंने सही किया है, उन लाखों महिलाओं और पुरुषों के लिए जो ज्यादा वजन वाले हैं, उन्हें इसका इलाज ढ़ूढ़ने में मदद की, लेकिन मैं इस बात से अनजान था कि कई लालची डॉक्टर, अस्पताल, दवा कंपनियां इस बात से कितने क्रोधित हो जाएंगे। इस बात पर कोई भी संदेह नहीं है कि ये मेरी प्राकृतिक दवा उनके महंगे और हानिकारक इलाज से कहीं बेहतर है, लेकिन वह हमारे काम को बंद कराने की कोशिश के लिये पर्याप्त नहीं था। GREEN COFFEE EXTRACT हर उस चीज के खिलाफ था जिसके लिए चिकित्सा उद्योग खड़ा होता है। यह लिपोसक्शन और हानिकारक वजन घटाने की सप्लीमेंट्स का सस्ता और पूरी तरह से-प्राकृतिक विकल्प था।


जो रहस्य था वो प्राकृतिक तालमेल था। अफ्रीकी फल के अलावा, GREEN COFFEE EXTRACT के साथ गारनिसिया कम्बोजिया भी मिला होता था जो कि वजन कम करने को बढ़ावा देता था और आपकी ऊर्जा को दस गुना बढ़ा देता था। दोनों प्राकृतिक सफाई कारक तत्व मिलकर शरीर से हानिकारक तत्वों को मिटा देते थे और लंबे समय के लिए काम करने और शरीर में कैलोरी कम करने में मदद करते थे। इसे सबसे अच्छे वैज्ञानिक तरीकों और प्राकृतिक चीजों का उपयोग करके बनाया जाता था। GREEN COFFEE EXTRACT वैज्ञानिक रूप से वसा कोशिकाओं को निशाना बना के उन्हें कम करने में सिद्ध हो चुका है। इसका मतलब आप वजन जल्दी से, आसानी से और हमेशा के लिए कम कर सकते है। गारंटी के साथ। यह एक तथ्य है- GREEN COFFEE EXTRACT रासायनिक रूप से महिला और पुरुष को वजन कम करने तथा एक खुशहाल जिंदगी जीने में मदद करता है।


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