मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार बनाने की सबसे ज्यादा जल्दबाजी शिवसेना (Shiv Sena) में नजर आ रही है। कारण- उद्धव ठाकरे अपने पिता बाला साहेब ठाकरे से किया वह वादा पूरा करना चाहते हैं, जिसमें उन्होंने एक दिन किसी शिवसैनिक को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाने की बात कही थी। शिवसेना चाहती थी कि सबकुछ ठीक रहा तो 17 नवंबर को बालासाहब ठाकरे की पुण्यतिथि वाले दिन शपथग्रहण हो, लेकिन अब यह संभव नहीं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) अभी भले ही शिवसेना के साथ खड़ी नजर रही है, लेकिन कांग्रेस (Congress) ने पत्ते नहीं खोले हैं।
NCP अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि सरकार बनाने में समय लग सकता है। शिवसेना को उम्मीद थी भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए कांग्रेस-राकांपा उसे तत्काल समर्थन दे देंगे, लेकिन कांग्रेस-NCP की अनिश्चय की स्थिति के कारण ही बीते दिनों आदित्य ठाकरे को राजभवन से खाली हाथ लौटना पड़ा था। कांग्रेस-NCP ने अपना समर्थन पत्र नहीं सौंपा।
इसके बाद शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे कांग्रेस-NCP नेताओं के साथ कई दौर की बैठकें कर चुके हैं लेकिन अभी तक तस्वीर साफ होती नजर नहीं आ रही है। कांग्रेस और NCP के प्रदेश स्तर के नेता इस बात पर राजी हैं कि सरकार बनने की स्थिति में मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा। शिवसेना को भी लगने लगा था कि जल्दी ही उसका मुख्यमंत्री शपथ लेगा। इसके बाद ही पार्टी नेताओं ने कहा था कि शिवसेना संस्थापक बालासाहब ठाकरे की समाधि 'शिवतीर्थ' यानी दादर स्थित शिवाजी पार्क में शपथ ग्रहण समारोह होगा। कुछ शिवसेना समर्थक को शरद पवार के पास यह मांग लेकर पहुंच गए थे कि 17 नवंबर को सरकार का गठन हो, लेकिन पवार ने साफ मना कर दिया। नागपुर में पवार पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि किसी दल को मुख्यमंत्री पद देने की बात तय नहीं हुई है।
0 टिप्पणियाँ