Header Ads Widget

Responsive Advertisement

अब सिर्फ 30 सेकेंड में पता चल सकेगा मुंह का कैंसर


राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र (आरआर कैट) के वैज्ञानिक डॉ. शोवन मजूमदार ने 90 के दशक में अमेरिका में कैंसर पर एक शोधपत्र प्रस्तुत किया था। दो-तीन वर्ष बाद इस पर काम करना चालू किया। लगभग तीन दशक तक शोध और कई बदलाव करने के बाद जो मशीन तैयार की, उसका डेढ़ हजार से अधिक मरीजों पर चिकित्सकों ने सफल परीक्षण किया। बेहतर परिणाम मिलने के बाद शुक्रवार को इसका लोकार्पण किया गया। इस मशीन से 30 सेकंड में मुंह के कैंसर का पता लगाया जा सकता है। इससे गर्भाशय के कैंसर के परीक्षण के लिए भी डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। इसमें शरीर से टिश्यू लेने या चीर-फाड़ करने की जरूरत भी नहीं होगी। यह मशीन कहीं भी आसानी से ले जाई जा सकती है। इससे देश के उन हिस्सों में भी मरीजों की पहचान करने में आसानी होगी, जहां टिश्यू कल्चर और कैंसर की जांच के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।


यह जानकारी डॉ. मजुमदार ने नईदुनिया को दी। शुक्रवार शाम आरआर कैट में पूर्व मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा ने उक्त मशीन का लोकार्पण किया। डॉ. मजूमदार ने बताया कि जब वे अमेरिका से लौटे तो उन्होंने जांच मशीन की टेक्नोलॉजी पर काम करने का सोचा। आआर कैट में यह काम चालू किया। सन 2000 में मशीन बनाई व चिकित्सकों से मरीजों पर इसका परीक्षण करने का आग्रह किया। लेकिन नई तकनीक को अपनाने में कुछ चिकित्सक प्रारंभ में हिचके भी। शासकीय कैंसर अस्पताल व चोइथराम अस्पताल में सकारात्मक प्रतिसाद मिला। पहले इस मशीन को ट्रॉली में रखकर ले जाया जाता था। बाद में अपग्रेड किया गया। फिर ब्लू एलईडी आने के बाद इसमें और सुधार किया। अपग्रेडेड वर्जन तैयार होने पर उसे आंको डायग्नो स्कोप नाम दिया गया। इस मशीन से तीन साल में 15 सौ परीक्षण किए गए। महज चार से पांच लाख रुपए की लागत वाली यह मशीन कहीं भी ले जाने में आसान है।


कैंसर पर तीन दिवसीय सम्मेलन में पहुंचे 900 चिकित्सक


इंडियन सोसायटी ऑफ ऑन्कोलॉजी और इंडियन सोसाइटी ऑफ मेडिकल एंड पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी द्वारा कैंसर विशेषज्ञों का तीन दिवसीय सम्मेलन विजयनगर में शुक्रवार से किया जा रहा है। इसमें अमेरिका, इंग्लैंड, बांग्लादेश नेपाल, भूटान, मालदीव, सऊदी अरब से कैंसर विशेषज्ञ पहुंचे हैं। सम्मेलन का औपचारिक शुभारंभ शाम को आरआर कैट राजेंद्र नगर में किया गया। इसमें अभिनेता व पूर्व स्वास्थ्य मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा ने कैंसर की जांच के लिए तैयार मशीन आंको डायग्नो स्कोप का लोकार्पण भी किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में उनके संबोधन में भी इस मशीन का उल्लेख किया था और इसे दुनिया के लिए सौगात बताया था। सम्मेलन में कैंसर को लेकर चल रही खोजों पर चर्चा के साथ ही बीमारी के निदान की तकनीकों पर भी चर्चा हुई।


 



5 लाख लोगों को मुंह का कैंसर


विजय नगर स्थित एक निजी होटल में हो रहे सम्मेलन में आयोजन समिति के सचिव डॉ. एसएस नैयर ने बताया कि देश में 5 लाख लोगों को मुंह का कैंसर है जबकि 4 लाख महिलाओं को गर्भाशय का कैंसर है। ये मशीन कैंसर के इलाज के लिए वरदान साबित होगी। डॉ. एमएस गुजराल ने बताया कि 'कैंसर इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट : हाउ टू मैनेज बेटर' थीम पर यह सम्मेलन हो रहा है। इसका मकसद कैंसर के इलाज के लिए दुनियाभर में चल रहे शोधों और उनके परिणामों से कैंसर प्रैक्टिशनर्स को रूबरू कराना है। पहले दिन कैंसर विशेषज्ञों ने कैंसर की बीमारी की जटिलता, उसके इलाज की आधुनिक तकनीकों और भविष्य में कैंसर के इलाज के स्वरूप पर बात की।


हर छह सेकंड में होती है एक कैंसर पीड़ित की मौत


अहमदाबाद से आए डॉ. जयेश डी. पटेल ने कहा कि कैंसर लगातार भयावह होता जा रहा है। पहले कैंसर के मामले चर्चा में होते थे क्योंकि कम होते थे। अब मामले इतने बढ़ गए हैं कि चर्चा भी नहीं होती। देश में हर साल 10 लाख लोग कैंसर से मरते हैं और 15 से 18 लाख नए लोगों को कैंसर होता है। लोग तंबाकू को मुंह में दबाए रखते हैं जो मुंह के कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। सरकार 5वीं से 10वीं तक के बच्चों के लिए स्वास्थ्य शिक्षा अनिवार्य करे जिससे समाज स्वस्थ रहे।


मोटापा बढ़ना भी हो सकता है कैंसर का कारण


इंडियन सोसाइटी ऑफ मेडिकल एंड पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी बेंगलुरु के अध्यक्ष डॉ. के. गोविंद बाबू ने बताया कि आज भी कैंसर के कई कारण तो पता ही नहीं चल पाए हैं लेकिन वेस्टर्न लाइफ स्टाइल कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। फास्ट फूड, स्मोकिंग, ड्रिंकिंग हैबिट्स के कारण मोटापा बढ़ता है। यह कैंसर व अन्य बीमारियों का कारण बनता है।



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ