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सुबह निखारेंगे सौंदर्य शाम को प्रदोषकाल में महालक्ष्मी पूजा


इंदौर। इस वर्ष धन की देवी महालक्ष्मी के पूजन का पांच दिनी पर्व की शुरुआत 25 अक्टूबर को धनतेरस के साथ होगी। इस बार तिथियों की अनूठी स्थिति का असर पर्व के दौरान नजर आएगा। ज्योतिर्विदों के अनुसार इस बार तिथियों की विचित्र स्थिति के साथ कई विशेष संयोग भी बनेंगे जो पर्व की महत्ता को कई गुना बढ़ा देंगे।


इस बार 27 अक्टूबर को सुबह उदयाकाल में चतुर्दशी होने से रूप चतुर्दशी पर अभ्यंग स्‍नान से सौंदर्य निखारा जाएगा जबकि शाम को प्रदोषकाल में कार्तिक अमावस्या होने से महालक्ष्मी पूजन भी इसी दिन होगा


इसके साथ ही दीपावली के अगले दिन 28 अक्टूबर सुबह अमावस्या तिथि होने से सोमवती अमावस्या का संयोग भी बनेगा। ज्योतिर्विद ओम वशिष्ठ के अनुसार पर्व के दौरान हर दिन कुछ विशेष मंगलकारी संयोग बनेंगे।


धनतेरस के दिन ब्रह्म और ऐंद्र योग रहेगा। इसी तरह 26 को हस्त नक्षत्र और महालक्ष्मी पूजन के दिन 27 को चित्रा नक्षत्र रहेगा। इस बार कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा तिथि किसी भी दिन सूर्योदय को स्पर्श नहीं करने के कारण इस तिथि का क्षय हो रहा है। भाई दूज पर 29 अक्टूबर को सौभाग्य और आयुष्मान जैसे मंगलकारी योग रहेंगेपांच दिनी पर्व धनतेरस की शुरुआत 25 अक्टूबर को शुक्रवार को होगी। इस दिन भगवान धनवंतरी के साथ लक्ष्मी-कुबेर का पूजन भी होगा। इस दिन त्रयोदशी तिथि शाम 7.08 मिनट पर लगेगी जो अगले दिन 26 को दोपहर 3.46 बजे तक रहेगी। प्रदोषकाल में त्रयोदशी तिथि 25 अक्टूबर को होने से इस दिन मनाना शास्त्र सम्मत है। इस दिन सुबह 9.51 बजे तक ब्रह्मयोग और फिर ऐंद्र योग लगेगा


रूप चतुर्दशी का दीपदान और अभ्यंग स्‍नान अलग-अलग दिन


इस बार रूप चतुर्दशी का अभ्यंग स्‍नान और दीपदान अलग-अलग दिन होगा। चतुर्दशी 26 को दोपहर 3.47 बजे लगेगी जो अगले दिन 27 को दोपहर 12.47 बजे तक रहेगी। 26 अक्टूबर को रात 8.27 बजे से हस्त नक्षत्र लगेगा जो अगले दिन शाम 5.48 बजे तक रहेगा। रूप चतुर्दशी के अभ्यंग स्नान का महत्व सूर्योदय से पहले है। इसलिए यह लक्ष्मी पूजन वाले दिन 27 को सुबह होगा जबकि दीप दान प्रदोषवेला में किया जाता है इसलिए दीपदान 26 को किया जाएगा


महालक्ष्मी पूजन होगा मंगलकारी चित्रा नक्षत्र में


महालक्ष्मी पूजन 27 अक्टूबर को होगा। इस दिन अमावस्या तिथि दोपहर 12.23 से 28 को सुबह 9.08 बजे तक रहेगी। इसके इस दिन शाम को 5.48 बजे तक हस्त नक्षत्र और इसके बाद चित्रा नक्षत्र लगेगा। इसबार महालक्ष्मी का पूजन हस्त और चित्रा नक्षत्र के मंगलकारी संयोग में बनेगा। इस अवसर पर लोग दीपदान करेंगे। हालांकि उदयाकाल चतुर्दशी होने से तिल-तेल के उबटन से स्‍नान के साथ भगवान कृष्ण का पूजन भी किया जाएगा


प्रतिपदा तिथि का क्षय, बनेगा सोमवती अमावस्या का संयोग


गिरिराज और गो-धन के पूजन का पर्व इस वर्ष 28 अक्टूबर को मत-मतांतर के साथ सोमवार को किया जाएगा। इसके पीछे कारण कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा तिथि का क्षय होना है। प्रतिपदा तिथि किसी भी दिन सूर्योदय को स्पर्श नहीं कर रही है। अमावस्या तिथि इस दिन सुबह 9.08 बजे तक रहेगी। इसके बाद सुबह 9.09 बजे से 29 को सुबह 6.12 बजे तक रहेगी। इस दिन उदयाकाल में कार्तिक अमावस्या होने से सोमवती अमावस्या का संयोग रहेगा।


 


भाईदूज पर सौभाग्य और आयुष्मान योग


ज्योतिर्विद् पं. विजय अड़ीचवाल के अनुसार इस बार भाईदूज पर 29 अक्टूबर मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन द्वितीया तिथि सुबह 6.13 से 30 अक्टूबर को तड़के 3.47 बजे तक रहेगी। इस दिन बहनों को सौभाग्य प्रदान के लिए सौभाग्य और भाई को लंबी उम्र देने वाला आयुष्मान योग भी रहेगा। आयुष्मान योग दोपहर 3.02 बजे तक और इसके बाद सौभाग्य योग लगेगा


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