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सर्वार्थसिद्धि, अमृत सिद्धि व रवि योग में रविवार को शरद पूर्णिमा मनेगी


सर्वार्थसिद्धि, अमृत सिद्धि व रवि योग में रविवार को शरद पूर्णिमा मनेगी। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होता है। साथ ही आसमान से अमृत की वर्षा होगी। इस वजह से खीर का प्रसाद विशेष रूप से अर्पित किया जाएगा। रविवार को आश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। ज्योतिष शास्त्रीय मान्यताओं के आधार पर पूरे वर्ष में शरद पूर्णिमा ही एक ऐसी तिथि है जब चंद्रदेव अपनी संपूर्ण कलाओं से पूर्ण होकर अमृतमयी वर्षा करता है।


इस वजह से चंद्रमा की रोशनी में खीर रखी जाती है। ज्योतिषाचार्य पं.दीपक शर्मा ने बताया कि शरद पूर्णिमा की रात्रि चंद्रमा से उत्सर्जित होने वाली किरणों में चिकित्सकीय गुण भी विद्यमान रहते हैं। इस वजह से प्राचीन मान्यताओं के आधार पर आंखों की रोशनी भी बढ़ती है। इस वजह से लोग चांदनी में सुई में धागा भी पिरोने का अभ्यास करते हैं। वहीं जिनकी जन्म-पत्रिका में चंद्र क्षीण हो उन्हें चंद्रदेव का पूजन करना चाहिए


दमा की दवा का होगा वितरण


शरद पूर्णिमा का चिकित्सकीय महत्व भी है। मान्यता है कि इस दिन दमा के रोगी को विशेष दवा दी जाती है। इससे बीमारी जड़ से खत्म होती है। इसी महत्व को देखते हुए शहर में सदरबाजार समेत कुछ स्थानों में देर रात्रि दमा रोगियों को निःशुल्क दवा का वितरण किया जाएगा


कोजागरी व्रत होगा


इस दिन महालक्ष्मी का व्रत पूजन किया जाएगा। इस पूर्णिमा को कोजागरी व्रत भी किया जाता है। व्रत के समय व्रती रात्रि जागरण कर मां लक्ष्मी की आराधना करते हैं। इसे कौमुदी व्रत भी कहा जाता है। खीर के साथ ही विभिन्न प्रकार के फल व मिठाइयों का भोग लगाया जाता है। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने घर में लक्ष्मी पदचिन्ह बनाया जाएगा और रोशनी की जाएगी


खरीदी के लिए शुभ


शरद पूर्णिमा पर बनने वाला संयोग खरीदी के लिए शुभ है। इस संयोग में धातुओं और वाहनों की खरीदारी करना शुभ रहेगा। साथ ही नए व्यापार की शुरुआत भी की जा सकेगी


होगी संगोष्ठी व सुर-संगम


शरद पूर्णिमा की शाम वरिष्ठजन हमारा धन.. विषय पर संगोष्ठी होगी। साथ ही सुर-संगम का कार्यक्रम होगी। समाज में बुजुर्गों की अहमियत प्रतिपादित करने के उद्देश्य से शरद पूर्णिमा को एक संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है जो विद्या नगर स्थित अग्रवाल भवन में शाम चार बजे से शुरू होगा


इसमें समाजसेवी व अन्य वक्ता बुजुर्गों की सामाजिक स्थिति और उनके प्रति हमारे कर्तव्य पर विचार प्रस्तुत करेंगे। संगोष्ठी के दौरान प्रश्नोत्तर सत्र भी होगा। साथ ही वृद्धाश्रम से आए अतिथि वृद्धजनों का सम्मान किया जाएगा।


इसके बाद स्वर संध्या का कार्यक्रम होगा। इसमें शहर के गायक भारतीय चित्रपट संगीत के सुनहरे काल के कर्णप्रिय और प्रेरणादायी गीतों की प्रस्तुति देंगे। कार्यक्रम के संयोजक और मुख्य आयोजक आशा अग्रवाल, राम अवतार अग्रवाल, अग्रवाल नवयुवती समिति है।


 


बिलासा मंच की होगी संगीत संध्या


शरद पूर्णिमा के दिन शरदोत्सव का आयोजन बिलासा कला मंच की ओर से होगा। इसमें संगीत संध्या व सम्मान समारोह रखा गया है। मंच की ओर से पिछले 26 वर्ष से शरद पूर्णिमा पर शरदोत्सव कार्यक्रम किया जाता रहा है। रविवार को शाम 5.30 बजे से स्व.लखीराम अग्रवाल स्मृति सभागार पर आयोजित संगीत संध्या में वायलिन वादक अब्दुल लतीफ, कैलाश और कविता कमल की प्रस्तुति होगी।


 


इसके बाद विशिष्ट सेवा सम्मान से डॉ.ओमप्रकाश मखीजा, विपुल शर्मा, यश मिश्रा और तरु फाउंडेशन का अभिनंदन किया जाएगा। साथ ही शहर की 10 दुर्गोत्सव समिति को सर्वश्रेष्ठ श्रीदुर्गा पूजा समितियों का सम्मान किया जाएगा।


इनमें मध्यनगरी दुर्गोत्सव समिति, मसानगंज दुर्गोत्सव समिति, नवीन दुर्गोत्सव समिति तेलीपारा, शहीद चंद्रशेखर आजाद दुर्गोत्सव समिति तेलीपारा, वक्रतुंड दुर्गोत्सव समिति राघवेन्द्र राव सभा भवन, नवयुवक दुर्गोत्सव समिति गोलबाजार, एकता दुर्गोत्सव समिति मुंगेली नाका, सिंहवाहिनी दुर्गोत्सव समिति शिव टाकीज, सतबहनिया दुर्गोत्सव समिति पुराना पावर हाउस और सार्वजनिक दुर्गोत्सव समिति पुत्री शाला जूना बिलासपुर शामिल हैं। इसके बाद खीर का वितरण किया जाएगा। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में बसंत शर्मा, डॉ.विवेक वाजपेयी, दारा सिंह राजपूत, डॉ.अजय श्रीवास्तव उपस्थित रहेंगे।


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