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मध्‍यप्रदेश में लगेगा पानी में तैरता हुआ सौर ऊर्जा से बिजली बनाने का प्लांट


 मैग्निफिसेंट एमपी से पहले कमलनाथ सरकार कई उद्योगों के लिए जमीन तैयार करेगी। मध्यप्रदेश में पहला पानी में तैरता सोलर एनर्जी (सौर ऊर्जा) प्लांट बनेगा। इसके लिए खंडवा के इंदिरा सागर बांध का चयन किया गया है। वहीं, इंदौर में तीसरा आईटी पार्क बनाया जाएगा।


मुख्यमंत्री कमलनाथ 17 अक्टूबर को इसका भूमिपूजन करेंगे। यहां सॉफ्टवेयर का विकास करने वाली कंपनियों को जगह दी जाएगी। इन दोनों योजनाओं के लिए उद्योग और नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग ने तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है।


नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में अभी तक सौर ऊर्जा के जितने भी प्लांट लगे हैं वे सभी धरती पर हैं लेकिन पानी में तैरता हुआ यह पहला प्लांट होगा। दो सौ मेगावॉट क्षमता के इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 12 सौ करोड़ रुपए होगी


इसके लिए मैग्निफिसेंट एमपी में टेंडर जारी किए जाने की घोषणा की जाएगी। उल्लेखनीय है कि उत्तरप्रदेश के सोनभ्रद जिले में गोविंद बल्लभ पंत सागर (रिहन्द) जलाशय में 150 मेगावाट क्षमता का पानी में तैरता सौर ऊर्जा का प्लांट लग रहा है। वर्ष 2020 तक इससे बिजली मिलना शुरू हो जाएगी। 50-50 मेगावॉट के तीन प्रोजेक्ट अलग-अलग कंपनियों को दिए गए हैं।


प्रमुख सचिव नवकरणीय ऊर्जा मनु श्रीवास्तव का कहना है कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने वाला मध्यप्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। 750 मेगावॉट क्षमता का प्लांट रीवा में लग चुका है। इससे 400 मेगावॉट बिजली रेलवे को देने का करार भी हो चुका है। इसके अलावा नीमच में 150 मेगावॉट का प्रोजेक्ट है


छतरपुर में भी बड़ा प्रोजेक्ट लाने की तैयारियां हैं। परंपरागत तरीके से मिलने वाली बिजली से सौर ऊर्जा काफी किफायती है और प्रदूषण भी नहीं है। प्रदेश में पहली बार मंडीदीप में औद्यौगिक इकाईयों की छत पर सोलर पैनल लगाने का पायलट प्रोजेक्ट करने का निर्णय हाल ही मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट में लिया गया है।


उधर, सूचना प्रौद्योगिक के क्षेत्र में तेजी से हो रहे विस्तार का फायदा उठाने की मंशा से उद्योग विभाग इंदौर में तीसरा आईटी पार्क बनाएगा। मुख्यमंत्री मैग्निफिसेंट एमपी से ठीक एक दिन पहले 17 अक्टूबर को इसका भूमिपूजन करेंगे। यह छह एकड़ क्षेत्र में होगा। 150 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला यह पार्क चार लाख वर्गफुट क्षेत्र में होगा


इसके पहले तो दो पार्क बने हैं, उनमें आईटीसी, इंफोसिस और विप्रो जैसी बड़ी कपंनियां काम कर रही है। प्रत्यक्ष तौर पर ही हजारों लोगों को रोजगार मिला है। उल्लेखनीय है कि नार्वे की स्टेटक्राफ्ट कंपनी आष्टा के पास आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में काम की शुरुआत करने जा रही है।


इसमें स्टेट डाटा सेंटर बनेगा। प्रमुख सचिव उद्योग डॉ.राजेश राजोरा का कहना है कि प्रदेश सरकार उन सभी क्षेत्रों में काम कर रही है, जिनमें निवेश और रोजगार की अधिक संभावनाएं हैं


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