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मध्‍यप्रदेश की आंगनवाड़ियों में अंडा परोसने की तैयारी, प्रस्ताव तैयार


कुपोषण दूर करने के लिए राज्य सरकार आंगनवाड़ी केंद्रों में अंडा परोसने पर विचार कर रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जो कैबिनेट भेजा जाएगा। यदि प्रस्ताव मंजूर हुआ तो अगले वित्तीय वर्ष से आदिवासी बहुल जिलों के आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों को नाश्ते में अंडा दिया जाएगा।


इसे लेकर वात्सल्य भवन (महिला एवं बाल विकास संचालनालय) में बैठकों का दौर चल रहा है। यह पांच साल में दूसरा मौका है, जब आंगनवाड़ी केंद्रों में अंडा परोसने पर विचार शुरू हुआ है। सरकार के इस प्रस्ताव पर सियासत शुरू हो गई है। भाजपा नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा है


विभाग के अफसरों का कहना है कि अंडा प्रोटीन का सबसे बेहतर विकल्प है। इसलिए अतिकुपोषण की श्रेणी में आ चुके क्षेत्रों के आंगनवाड़ी केंद्रों में अंडा परोसने पर विचार चल रहा है। अफसर कहते हैं कि प्रस्ताव नया नहीं है। पहले भी आ चुका है, लेकिन विरोध के कारण पिछली बार इसे लागू नहीं कर पाए। इस बार भी कैबिनेट प्रस्ताव भेजेेंगे। यदि सब ठीक रहा तो आदिवासी बहुल जिलों के आंगनवाड़ी केंद्रों में अगले वित्तीय वर्ष से इसे शुरू करेंगे।


सूत्र बताते हैं कि पहले चरण में विभाग ने आदिवासी बहुल जिले और विकास खंडों के साथ उन क्षेत्रों को भी रखा है, जहां कुपोषण की स्थिति चिंताजनक हो गई है। जबकि प्रस्ताव मंजूर होने के बाद दूसरे चरण में इसे पूरे प्रदेश की आंगनवाड़ी केंद्रों में लागू किया जाएगा


बैठकों का दौर शुरू


प्रोटीन के विकल्प के रूप में प्रस्तावित अंडे को आंगनवाड़ियों में परोसे जा रहे नाश्ते और खाने में शामिल करने को लेकर संचालनालय स्तर पर लगातार मंथन चल रहा है। इसे लेकर बैठकों का दौर चल रहा है। इसमें यह रणनीति बनाई जा रही है कि इसे कैसे लागू करें


भाजपा सरकार में भी हुआ था प्रयास


आंगनवाड़ियों में प्रोटीन के विकल्प के रूप में अंडा परोसने पर विचार पहली बार नहीं हो रहा है। शिवराज सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री रहीं अर्चना चिटनीस के समय भी इस पर विचार शुरू हुआ था। प्रस्ताव भी बना था और रणनीति भी तैयार हुई थी, लेकिन संस्कृति से जुड़े संगठनों के खुले विरोध के बाद यह विचार काफूर हो गया


भाजपा नेता नाराज


सरकार के इस प्रस्ताव से भाजपा नेता नाराज हैं। उन्होंने सरकार पर खुलकर हमले बोलना शुरू कर दिया है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने कहा कि सरकार का यह फैसला प्रदेश की जनता की भावनाओं से खिलवाड़ करने वाला है। आंगनवाड़ियों में वह महिलाएं और बच्चे भी जाते हैं, जो अंडा खाना तो दूर छूते भी नहीं हैं। इस प्रस्ताव से प्रदेश में कुपोषण दूर होने की बजाय बढ़ेगा


वहीं प्रदेश प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कहा कि हम धर्म-आस्था को खंडित नहीं होने देंगे। भाजपा सुपोषण पर काम कर रही थी। हम सुरजना की फली लाए थे। मप्र सोयाबीन की अच्छी फसल देने वाला राज्य है। सरकार को इस दिशा में सोचना चाहिए। सरकार गरीबों का मजाक उड़ाएगी तो विरोध करेंगे। जैसे दूध के साथ कड़कनाथ बेचने का विरोध किया था।


प्रस्ताव कैबिनेट में लाएंगे


 


आदिवासी अंचल की आंगनवाड़ियों में बच्चों को अंडा देने का प्रस्ताव है। इस पर बैठक में चर्चा भी हो चुकी है। अभी कैबिनेट ले जाएंगे। वहां से मंजूरी मिली तो अगले वित्तीय वर्ष से शुरू करेंगे।


 


 


- अनुपम राजन, प्रमुख सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग


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