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जीएमसी हड़ताल : 44 मरीजों के ऑपरेशन टले, कई को दी छुट्टी


भोपाल गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) के एच ब्लाक छात्रावासा में जूनियर डॉक्टर के साथ शनिवार को छेड़छाड़ व लूट की घटना के बाद छात्र-छात्राओं का आंदोलन जारी रहा। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के चलते सोमवार को मरीजों की काफी फजीहत हुई। पूरी तैयारी कराने के बाद 44 मरीजों के ऑपरेशन सोमवार को टाल दिए गए हैं। अब तीन-चार दिन बाद इनके ऑपरेशन हो सकेंगे। हमीदिया अस्पताल में 34 और सुल्तानिया अस्पताल में 10 ऑपरेशन टाले गए। ओपीडी में भी मरीजों को दिखाने के लिए काफी परेशानी हुई। आंदोलन मंगलवार को भी जारी रहेगा। जूडा की हड़ताल के चलते हमीदिया अस्पताल सिर्फ छह और सुल्तानिया अस्पताल में पांच सीजेरियन ऑपरेशन हुए। हड़ताल के चलते सर्जरी व हड्डी रोग विभाग में कई मरीजों की छुट्टी भी कर दी गई। उन्हें तीन-चार दिन बाद आने को कहा गया है।


डीन व वार्डन के इस्तीफे की मांग पीजी


तृतीय वर्ष की छात्रा के साथ छेड़छाड़ व लूट की घटना के बाद छात्र आक्रोशित हैं। पहले तो वह सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग कर रहे थे, पर अब डीन डॉ. अरुणा कुमार व एच ब्लाक हॉस्टल की वार्डन डॉ. प्रतिभा वर्मा के इस्तीफे की मांग कर रह हैं। छात्र-छात्राओं सोमवार सुबह 10 बजे के करीब डीन कार्यालय घेर लिया। छात्र-छात्राएं गेट पर बैठ गए। इस वजह से डीन समेत कोई भी अधिकारी-कर्मचारी दफ्तर में नहीं घुस पाया। उन्होंने दिनभर कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। दोपहर में जूडा प्रतिनिधि संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव से बातचीत हुई। इसके बाद रात 8:30 बजे के करीब संभागायुक्त जीएमसी के सभागार में डीन के साथ छात्रों से बातचीत के लिए पहुंची। इस दौरान छात्रों ने डीन के खिलाफ नारे लगाए। संभागायुक्त ने कहा कि सुरक्षा संबंधी मांगे ज्यादातर पूरी कर दी गई हैं। डीन को हटाने की मांग पर निर्णय शासन को करना है। इसके बाद भी छात्र-छात्राएं डीन को हटाने की मांग पर अड़े रहे। उन्होंने आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है।


डीन व वार्डन को हटाने की मांग को एमटीए ने बताया गलत


छात्र-छात्राओं की डीन व वार्डन को हटाने की मांग को मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (एमटीए) ने गलत बताया है। एसोसिएशन की बैठक के बाद अध्यक्ष डॉ. संजीव गौर और सचिव डॉ. राकेश मालवीय ने जूडा को पत्र लिखकर कहा है कि छात्रावास में हुई घटना निंदनीय है। इसके लिए एसोसिशन जूडा का पूरा सहयोग देता है, लेकिन डीन व वार्डन को हटाने की मांग का समर्थन नहीं करता।


पांच गंभीर मरीजों को देखने के लिए सिर्फ एक डॉक्टर, वार्ड ब्वॉय ने चढ़ाया प्लास्टर


हमीदिया अस्पताल की ट्रामा एवं इमरजेंसी में दोपहर 3 बजे स्ट्रेचर में पांच मरीज पड़े थे। दो मरीज बुखार व तीन चोट वाले थे। इन्हें देखने के लिए इमरजेंसी में सिर्फ एक डॉक्टर यश सराफ मौजूद थे। उन्होंने एक-एक मरीजों को देखा। ट्रामा वार्ड में प्लास्टर में रूम में दो वार्डब्वाय एक मरीज को प्लास्टर चढ़ा रहे थे। यहां अन्य तीन डॉक्टर मरीजों को देख रहे थे।


नहीं सुधरी व्यवस्थाएं


छात्रावास में ऊपर की दो मंजिलों पर खिड़कियों में ग्रिल नहीं हैं।


- छात्रावास में लगे पेड़ की डालियां बालकनी तक पहुंच रही हैं। इन्हें नहीं काटा गया


छात्रावास के आसपास अंधेरा है।


- सीसीटीवी कैमरों की संख्या नहीं बढ़ाई गई है।


 


- बाउंड्रीवाली की ऊंचाई बढ़ाने का काम भी शुरू नहीं हुआ है।


- रात में सुरक्षा गार्ड दो की जगह सिर्फ तीन कर दिए गए हैं।


 


दो साल से शिकायत कर रहीं छात्राएं पर सुनवाई नहीं


जीएमसी के हॉस्टल में रहने वाली छात्राएं पिछले दो साल से लगातार परिसर में असामाजिक तत्वों द्वारा छेड़छाड़, चोरी की शिकायतें कर रही हैं। इसके बाद भी कॉलेज प्रबंधन ने गंभीरता से नहीं लिया। 2017 में तत्कालीन डीन डॉ. एमसी सोनगरा से छात्राओं ने तीन पेज की लिखित शिकायत की थी। इसमें छात्राओं ने यह बताया तारीख बार छेड़छाड़ की घटनाओं का जिक्र किया था। इसके बाद भी कॉलेज प्रबंधन ने गंभीरता से नहीं लिया था। जिस छात्रावास में छेड़खानी व लूट की घटना दो दिन पहले हुई है वहां साल भर में छात्राओं की आठ स्कूटर चोरी हो चुकी हैं। सभी की एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसके बाद भी कॉलेज प्रबंधन ने न तो सुरक्षा बढ़ाई और न ही पुलिस ने गंभीरता से लिया। उसी हॉस्टल में साल भर के भीतर चोरी की 11 घटनाएं हुईं। सभी की शिकायतें कोहेफिजा थाने में की गई हैं, पर कॉलेज प्रबंधन ने गंभीरता से नहीं लिया।


 


आंदोलन जारी रहेगा


संभागायुक्त से मुलाकात हुई थी। सभी छात्र-छात्राएं डीन व अन्य जिम्मेदारों के इस्तीफे की मांग पर अड़े हैं। अभी आंदोलन जारी रहेगा। एक-दो दिन में दूसरे सरकारी मेडिकल कॉलेजों के छात्र भी आंदोलन में शामिल हो जाएंगे। - डॉ. सचेत सक्सेना, स्टेट जूडा प्रेसीडेंट


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