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भोपाल नगर निगम को दो हिस्सों में बांटने की तैयारी से BJP नाराज


भोपाल नगर निगम को दो हिस्सों में बांटने की तैयारी से भारतीय जनता पार्टी नाराज है। सरकार ने निगम के दो हिस्से करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिस पर दावे आपत्ति बुलाए गए हैं। भारतीय जनता पार्टी ने सरकार की इस कोशिश पर सख्त एतराज जताते हुए कांग्रेस पर देश की तरह ही नगर निगम के बंटवारे का आरोप लगाया है। भाजपा ने नगरीय निकाय चुनाव और नगर निगम बंटवारे के मुद्दे पर गुरुवार को बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।


राज्य सरकार ने भोपाल की जनसंख्या वृद्धि और लोगों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए नगर निगम को दो हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव तैयार किया है। इस पर आम लोगों से दावे व आपत्तियां भी मंगाए गए हैं। दावा या आपत्ति 16 अक्टूबर तक दर्ज कराए जा सकेंगे। नगर निगम को भोपाल और कोलार दो क्षेत्रों में बांटे जाने के फैसले पर भाजपा ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है


पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा जाति, धर्म और समुदाय को बांटकर पिछले 70 सालों से देश में राजनीतिक रोटियां सेंकने वाली कांग्रेस ने हिंदू-मुस्लिम आधार पर भोपाल को बांटने की तैयारी कर ली है। भोपाल में दो नगर निगम बनाने के पीछे क्या उद्देश्य है? इससे जनता को क्या फायदा होगा, यह समझ से परे है।


शर्मा ने कहा कि भोपाल नगर निगम को दो हिस्सों में बांटने से पहले जनता को यह बताना चाहिए कि सरकार ऐसा क्यों करना चाहती है। उन्होंने कहा कि भोपाल में दो नगर निगम बनाने के प्रस्ताव पर मतदान कराकर भोपाल की जनता का रुख जानना चहिए


पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भी नगर निगम को दो हिस्सों में बांटने के फैसले का विरोध किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की कोशिश हमेशा से देश में बंटवारे की रही है। पहले देश को भाषा और मजहब के नाम पर बांटा और अब शहर को बांटने का काम कर रहे हैं।


कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा इस बारे में कहते हैं कि कांग्रेस ने हमेशा सत्ता के विकेंद्रीकरण का समर्थन किया है। क्षेत्रफल और जनसंख्या के लिहाज से भोपाल बीते सालों में काफी बढ़ गया है। इसमें ग्रामीण इलाके शामिल हुए हैं। इसके चलते महापौर की पहुंच सभी स्थानों तक नहीं हो पाती। सत्ता का विकेंद्रीकरण करने के लिए दो नगर निगम बनाने का फैसला लिया है


इनका कहना है


नगरीय निकाय चुनाव में बदलाव और भोपाल नगर निगम के बंटवारे जैसे विषय पर गुरुवार को चर्चा करेंगे। आगे क्या रणनीति तय करना है, इस पर फैसला करेंगे। अदालत में चुनौती देना है या जमीनी आंदोलन करना है, सभी विषयों पर इस बैठक में चर्चा होगी। गुरुवार को ही राज्यपाल लालजी टंडन से भी मुलाकात का समय मांगा है, इसमें इन मुद्दों के साथ मंदसौर में दिनदहाड़े हुई हत्या और कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया जाएगा


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