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7 दिन में मिलेगी उद्योगों को जमीन, रोजगार देने पर मिलेगी खास रियायत


 इंदौर में शुक्रवार को होने वाले मैग्निफिसेंट एमपी से पहले कमलनाथ सरकार का उद्योगों के लिए पिटारा खुलेगा। इसमें उद्योगों को कई प्रकार की सुविधाएं दी जाएंगी। इसके लिए मंगलवार को कैबिनेट में कुछ नई नीतियां लाई जा रही हैं तो कुछ के मौजूदा प्रावधानों में बदलाव किया जा रहा है। उद्योगों को वास्तविक सिंगल विंडो सिस्टम का अहसास कराने के लिए भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम में बदलाव का खाका खींचा गया है। इसमें सात दिन में जमीन का आवंटन होगा और पट्टा 99 साल का दिया लाएगा। रोजगार देने व उद्योगपतियों को प्रोत्साहित करने इसे सबसिडी से जोड़ा जा रहा है।


कैबिनेट में इन नीतियों पर लगेगी मुहर


 



सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहन नीति, इलेक्ट्रिक वाहन नीति, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विकास नीति के अलावा गौण खनिज नियम, पर्यटन नीति में संशोधन के प्रस्ताव रखे जाएंगे। प्रोत्साहन नीति में रोजगार के लिए प्रति व्यक्ति पांच से 13 हजार रुपए तक सबसिडी देने की व्यवस्था बनाई जा रही है। उद्योग नीति में बदलाव करते हुए टैक्सटाइल के क्षेत्र में कंपनी यदि वर्ष 2021-22 तक उत्पादन शुरू कर देती है तो उसे एक रुपए यूनिट में बिजली दी जाएगी।


10 से 1500 करोड़ के निवेश पर ब्याज अनुदान मिलेगा


10 से लेकर 1500 करोड़ रुपए के निवेश पर सबसिडी और ब्याज अनुदान भी दिया जाएगा। 500 करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश पर 40 हेक्टेयर तक जमीन आधी कीमत में दी जाएगी। दस साल का एकमुश्त लीज रेंट अदा करने पर अगले दस साल कोई रेंट नहीं लगेगा। उद्योगों के लिए उपयोगी सेवाओं को भी उद्योग का दर्जा देकर भूखंड दिए जाएंगे। उद्योग दी गई जमीन के तीन प्रतिशत या पांच एकड़ क्षेत्र में मजदूर और तकनीकी स्टाफ के लिए आवासीय कॉलोनी बना सकेंगे। खुले क्षेत्र में 20 फीट तक पौधारोपण करने की छूट उद्योगों को दी जाएगी। अपशिष्ट प्रबंधन के लिए संयंत्र लगाने पर एक करोड़ रुपए तक सहायता दी जाएगी।


सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र निवेश प्रोत्साहन नीति लाई जा रही है। इसमें मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज में निवेश करने पर जमीन में 20 से 40 प्रतिशत तक छूट फीसदी दी जाएगी। इलेक्ट्रिक वाहन नीति में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए पंजीयन शुल्क, मोटरयान कर, परमिट, पार्किंग शुल्क में छूट देने का प्रावधान किया जा रहा है


साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के लिए जमीन आवंटन में छूट देने, फ्लोर एरिया रेशो में छूट, अनुसंधान करने वाली संस्थाओं को विशेष अनुदान, छात्रवृत्ति, पेटेंट के लिए अनुदान, चार्जिंग के लिए बिजली दर में रियायत सहित कई प्रावधान किए गए हैं। पर्यटन नीति में संशोधन कर उसे उद्योगों के अनुकूल किया जा रहा है, ताकि निवेश आ सके। निजी जमीन पर गौण खनिज के उत्खनन की अनुमति सरकार देगी। इसके लिए उसे 15 फीसदी रॉयल्टी चुकानी होगी।


मल्टी प्रोडक्ट औद्योगिक क्षेत्र बनेगासरकार एक साथ कई उत्पाद बनाने वाली कंपनियों के लिए अलग से जमीन आरक्षित करेगी। इसके लिए पीथमपुर स्मार्ट इंडस्ट्रीयल पार्क की जापान, सुदूर पूर्व एवं दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के निवेशकों के लिए आरक्षित जमीन में से 72 हेक्टेयर अलग करके मल्टी प्रोडक्ट औद्योगिक क्षेत्र के रूप में आरक्षित की जाएगी



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