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उपचुनाव को लेकर यहां अब कभी भी आचार संहिता लग सकती है। इस चक्कर में देव स्थानों की फाइल तेज गति से दौड़ रही है


 उपचुनाव को लेकर यहां अब कभी भी आचार संहिता लग सकती है। इस चक्कर में देव स्थानों की फाइल तेज गति से दौड़ रही है। धार्मिक मामलों के मंत्री पीसी शर्मा झाबुआ के कई देव स्थानों पर स्वयं गए थे। 24 स्थानों के लिए उन्होंने ढाई करोड़ रुपए देने के ऐलान किया है। अब वे रुचि लेकर इस काम को जल्द से जल्द शुरू करवाना चाह रहे हैं। खतरा यह है कि आचार संहिता लगने पर सारे काम धरे रह जाएंगे।


वैसे यह कदम झाबुआ में किसी भी सरकार की ओर से पहली बार उठाया जा रहा है। वजह स्पष्ट है कि लंबे समय से देव स्थानों को जीर्णोद्धार या आवश्यक निर्माण कार्यों की आवश्यकता थी, किंतु उन्हें पैसा नहीं मिल पा रहा था। पैसा मिलने पर अब शहर के धार्मिक स्थलों के लिए एक बड़ी राहत उत्पन्ना हो सकती है।


 


आचार संहिता पर लगी निगाहें


शुरू से ही यह माना जा रहा है कि झाबुआ उपचुनाव को लेकर आचार संहिता सितंबर माह में कभी भी लग जाएगी, इसलिए यहां लगातार मंत्रियों को भेजने के अलावा स्वयं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आकर सरकारी आयोजन कर लिया। यदि चुनाव की घोषणा हो जाती तो आचार संहिता लग जाती। ऐसे में सरकारी आयोजन नहीं हो सकते हैं। अब प्रयास यह हो रहे हैं कि आचार संहिता लगने से पहले मंजूर किए गए पैसों से देव स्थानों पर जल्द ही काम शुरू हो जाए। सरकार का यह मानना है कि देव स्थानों से सबसे अधिक लगाव हर किसी को रहता है। वहां यदि सरकार कुछ काम करवाती है, तो एक साथ कई लोगों को जोड़ा जा सकता है।


 


स्वयं मंत्री घूमे


इसी नीति के तहत मंगलवार को ही मंत्री शर्मा झाबुआ आ गए। वे लगातार यहां देव स्थानों पर घूमते रहे। जहां जो मांग की गई, वह उन्होंने पूरी करने का कह दिया। बाद में मुख्यमंत्री से चर्चा करते हुए जनसभा में भी घोषणा कर दी। अब लगातार सरकारी प्रक्रिया की गति बढ़ाने पर काम हो रहा है।


 


इसलिए आवश्यकता...


चैत्र नवरात्र में धूप से परेशानी


 


यहां का प्राचीन दक्षिणमुखी कालिका माता मंदिर आस्था का एक बड़ा केंद्र है। साल के दोनों नवरात्र के दौरान बड़ी संख्या में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। चैत्र नवरात्र में सबसे अधिक परेशानी आती है। कारण यह है कि तेज धूप रहती है। विशेष हवन व पूजन कार्यक्रम भी होता है। मंदिर से लगे प्रांगण में शेड नहीं होने से श्रद्धालुओं के पैर धूप से जलने लगते हैं। लंबे समय से यहां शेड लगाने की बात चल रही है। अब यहां धर्मस्व मंत्री शर्मा शासन स्तर से शेड के लिए राशि देना चाह रहे हैं।


कोलकाता के बाद झाबुआ


 


कोलकाता के बाद दक्षिणमुखी माताजी का मंदिर सिर्फ झाबुआ में ही है। यह मंदिर लगभग 400-500 वर्ष पुराना माना जाता है। मान्यता यह है कि स्वयं माताजी एक इमली के पेड के नीचे प्रकट हुई। रियासत काल में भी यह मंदिर आस्था का बड़ा केंद्र रहा।


24 देव स्थानों को लिया जा रहा


 


कुल 24 देव स्थानों के जीर्णोद्धार के लिए ढाई कराेड रुपए की राशि स्वीकृत हुई है। इनमें से अधिकांश स्थान झाबुआ शहर के ही हैं। कुछ अन्य स्थान आसपास के भी लिए गए हैं। झाबुआ का जगदीश मंदिर, अंबे माता मंदिर, शंकर मंदिर, कालिका माता मंदिर, हनुमान मंदिर, रंगपुरा जैन मंदिर, रंगपुरा राम मंदिर, देवझिरी आदि लिया गया है। इसके अलावा रामजी अंतर्वेलिया, रामजी मंदिर भगोर, राधाकृष्ण मंदिर रजला, दुधेश्वर महादेव मंदिर अंतर्वेलिया, हनुमान मंदिर वन, राधा कृष्ण मंदिर व शंकर मंदिर रानापुर, केथोलिक चर्च, मोहम्मदी मरकद जमातखाना, कैलाश मार्ग हुसेनी मस्जिद आदि को भी सूची में रखा गया है।


धार्मिक नगरी है


 


मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि झाबुआ उन्हें धार्मिक नगरी लगी है। प्रक्रिया को पूरा करते हुए जल्द ही देव स्थानों पर काम शुरू करवाने के प्रयास कर रहे हैं


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