जिले के पलेरा में वार्ड क्रमांक 10 में रहने वाली 12वीं की छात्रा ने फांसी लगाकर जान दे दी। इससे पहले छात्रा ने सुसाइड नोट आर्थिक तंगी और गरीबी का जिक्र किया। उसने लिखा है कि भगवान गरीब घरों में बेटियों को न दे जन्म। छात्रा के माता-पिता महानगरों में रहकर मजदूरी करते हैं, जबकि वह दादा-दादी के पास रहकर पढ़ाई कर रही थी। छात्रा ने बुधवार की रात फांसी लगाई थी। उसके दादा तुलसी ने घटना की सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, उन्होंने छात्रा कामिनी को दुपट्टा से लटका हुआ पाया।
कामिनी पुत्री प्रमोद खंगार के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसकी वजह से वह अपनी जिंदगी को बोझ मान बैठी। वह कन्या हायर सेकंडरी स्कूल में 12वीं की छात्रा थी, बुध्ावार की शाम करीब 7:08 बजे छात्रा के दादाजी खेत पर गए हुए थे। इसी दौरान उसने फांसी लगा ली। कामिनी ने सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं किसी पर बोझ नहीं बनना चाहती। उसने कहा है कि भगवान ऐसे घर में कभी किसी को भी पैदा ना करें। उसने अपनी आर्थिक तंगी, घर की गरीबी का जिक्र करने के साथ ही अपने आप को दोषी मानकर आत्महत्या की।
सुसाइड नोट जब्त कर विवेचन शुरू
छात्रा कामिनी खंगार ने आत्म हत्या कर ली। उसके पास से सोसाइड नोट भी बरामद किया है। पोस्ट मार्डम के बाद शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। मामले की विवेचना की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्या गरीबी जैसा कोई मामला नहीं लगता है, बाकी जांच के बाद ही पता चल सकेगा
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