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राजधानी भोपाल में मंत्रालय के नजदीक बनने वाले महत्वाकांक्षी फ्लाईओवर का छह महीने बाद भी भूमिपूजन नहीं हो पाया


राजधानी भोपाल में मंत्रालय के नजदीक बनने वाले महत्वाकांक्षी फ्लाईओवर का छह महीने बाद भी भूमिपूजन नहीं हो पाया। बताया जा रहा है कि केंद्र द्वारा सेंट्रल रोड फंड (सीआरएफ) की राशि रोक लिए जाने से यह प्रोजेक्ट अटक गया है। लिहाजा, माहौल देख लोक निर्माण विभाग ने भी टेंडर रोक दिया है।


 मार्च 2019 में भोपाल मेट्रो के समानांतर बनने वाले इस फ्लाईओवर को मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन सीआरएफ के मद से 140 करोड़ रुपए की राशि केंद्र सरकार ने जारी नहीं किए, इसलिए निर्माण शुरू होने का मुहूर्त नहीं बन पा रहा है। कमलनाथ सरकार ने केंद्र से सीआरएफ का पैसा जारी करने का आग्रह किया है लेकिन छह महीने बाद भी बात आगे नहीं बढ़ पा रही है।


 


गौरतलब है कि भोपाल मेट्रो के पहले इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल गई थी, लेकिन केंद्र सरकार से फंड नहीं मिला। टेंडर जारी होने के बाद लोक निर्माण विभाग प्रोजेक्ट पूरा करने में करीब ढाई साल का समय लेगा। यह फ्लाईओवर नए भोपाल का नक्शा ही बदल देगा। मंत्रालय के पास भोपाल हाट, बोर्ड ऑफिस, प्रगति चौराहे और हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर रोज ही लगने वाले ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी।


यह रूट रहेगा


 


यह फ्लायओवर हबीबगंज रेलवे स्टेशन, मानसरोवर कॉम्प्लेक्स, प्रगति चौराहा, बोर्ड ऑफिस चौराहा और गुरुदेव गुप्त चौराहा होते हुए गायत्री मंदिर तक 1.8 किलोमीटर लंबा रहेगा। इसके लिए 140 करोड़ रुपए बजट रखा गया है। इस फ्लाईओवर के निर्माण से महाराणा प्रताप नगर, बोर्ड ऑफिस, प्रगति चौराहा, डीबी सिटी मॉल और चेतक ब्रिज पर रोज लगने वाले ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी। साथ ही नागरिकों का समय भी बचेगा।


लोस से पहले फंड जारी करने का था वादा


 


लोकसभा चुनाव के पहले केंद्रीय मंत्री ने मप्र के हिस्से का सेंट्रल रोड फंड जारी करने का वादा किया था, लेकिन नतीजों पांच महीने हो चुके है, लेकिन मामला जहां का तहां अटका पड़ा है। भोपाल के बरखेड़ी में इलाके में ऐशबाग स्टेडियम एवं करोंद फाटक से बैरसिया रोड मंडी के पास रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण भी प्रस्तावित है, लेकिन रेलवे के साथ कुछ कागजी औपचारिकताएं पूरी नहीं हो पाने से यह प्रोजेक्ट भी प्रारंभ नहीं हो पा रहा।


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