मध्यप्रदेश में अतिवृष्टि की स्थिति पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि इस समय किसानों को राजनीति की नहीं, मदद की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं और सांसदों को चाहिए कि वे बाढ़ पीड़ितों के नाम पर राजनीति करने की बजाय उन्हें राहत पहुंचाने में राज्य सरकार की मदद करें। कलाकारी की राजनीति से बाढ़ पीड़ितों का भला नहीं होने वाला है।
राज्य के विभिन्न् जिलों में बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किए हैं। इसमें हर घंटे की स्थिति की जानकारी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि के कारण 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि बाढ़ से हुए नुकसान का प्रारंभिक सर्वे हो चुका है। कई स्थानों पर बाढ़ आने के कारण सर्वे कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। इसके बावजूद फसलों, मकानों और अन्य नुकसान का सर्वे कई जिलों में शुरू हो गया है। सर्वे कार्य पूरा होते ही प्रभावितों को मदद देने का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। सरकार हर हाल में बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद के लिए वचनबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट की इस घड़ी में बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए भाजपा के सभी सांसद और नेता दिल्ली जाकर बाढ़ से हुए नुकसान के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगें और उनके द्वारा मदद न दी जाने पर धरना दें। यह राजनीति नहीं, प्रदेश के लोगों के हितों की बात है। विशेषकर किसानों, जिनकी मेहनत से उगाई गई फसल को भारी नुकसान पहुंचा है।
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