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इंदौर। अहिल्या की नगरी में अनंत चतुर्दशी पर गुरुवार को झिलमिल झांकियों की 100 वर्ष की परंपरा एक बार फिर नजर आएगी। भले ही मिलें बंद हो गई हों, लेकिन उल्लास वैसा ही कायम है


अहिल्या की नगरी में अनंत चतुर्दशी पर गुरुवार को झिलमिल झांकियों की 100 वर्ष की परंपरा एक बार फिर नजर आएगी। भले ही मिलें बंद हो गई हों, लेकिन उल्लास वैसा ही कायम है। छह मिलों के साथ खजराना गणेश मंदिर, आईडीए, नगर निगम सहित विभिन्ना संस्थाओं की 30 से अधिक झांकियां निकलेंगी। इसमें धार्मिक प्रसंग के साथ शहर का विकास भी दर्शाया जाएगा। राजकुमार मिल की दो मंजिला झांकी में भगवान विष्णु के दस अवतार तो खजराना गणेश की 70 फीट लंबी झांकी में भगवान गणेश के रथ को सर्प देवता द्वारा खींचते दर्शाया जाएगा। कल्याण मिल की मेट्रो ट्रेन और इंदौर विकास प्राधिकरण की पीपल्याना ओवर ब्रिज की झांकी शहर के विकास की बात करेगी।


दिखेगा भगवान विष्णु का विराट स्वरूप


 


हुकमचंद मिल


वर्ष : 94वां


 


प्रथम : भगवान कृष्ण को अर्जुन को गीता का उपदेश देते हुए दर्शाया गया है। इसमें झांकी के इतिहास में पहला मौका होगा जब भगवान विष्णु के विराट अवतार को 25 फीट ऊंची प्रतिमा के जरिए दिखाया जाएगा।


द्वितीय : 35 फीट लंबी झांकी में शेषनाग की शैया पर विश्राम करते भगवान विष्णु की नाभि से ब्रह्माजी को निकलते हुए दिखाया गया है।


 


कलाकार : समिति के नरेंद्र वंश ने बताया कि झांकी के कलाकार विनायक वाघ, हीरालाल राय, सेवाराम राठौर आदि हैं।


भस्म आरती पर आधारित झांकी में भगवान भोलेनाथ का नृत्य


 


स्वदेशी मिल


वर्ष : 89वां


 


प्रथम : महाकाल की भस्म आरती पर आधारित झांकी में पृथ्वी पर ॐ अंकित कर नौ फीट ऊंचे भोलेनाथ को प्रसन्ना मुद्रा में नृत्य करते हुए दिखाया गया है। ठीक पीछे गणपति, माता पार्वती और नंदी भी है।


द्वितीय : काल भैरव जन्मोत्सव की झांकी में महिला-पुरुष को उत्सव मनाते हुए दिखाय गया है। एक तांत्रिक को हवन और पीछे काल भैरव की मूर्ति होगी।


 


कलाकार : समिति के कन्हैयालल मरमट ने बताया कि झांकी का निर्माण ओमप्रकाश कुशवाह, हेमंत कुशवाह, हरि सुनहरे आदि ने मिलकर किया।


दिखाया साकार होता मेट्रो का सपना


 


कल्याण मिल


वर्ष : 89वां


 


प्रथम : शिव पुराण पर आधारित झांकी में कुबेर को गणेशजी को भोज का निमंत्रण देते दर्शाया गया है। इसमें कुबेर को घोर तपस्या कर भगवान शंकर से देवाधिपति के कोषाध्यक्ष होने का वरदान प्राप्त कर कोषाध्यक्ष का पद प्राप्त करते दिखाया है।


द्वितीय : इस झांकी में मेट्रो ट्रेन का सपना साकार होता दिखाया गया है। इसके साथ ही पीने के पानी की समस्या, बढ़ती अबादी की चिंता आदि को दर्शाया गया है।


कलाकार : समिति के अध्यक्ष हरनामसिंह धारीवाल ने बताया कि रामचंद्र हनुमंत, नितिन हनुमंत, चंदू गेहलोद, बद्रीलाल बामनिया, पंकज हनुमंत आदि ने मिलकर झांकी बनाई है।


दो मंजिला झांकी में दिखेंगे भगवान विष्णु के दस अवतार


राजकुमार मिल


वर्ष : 85वां


प्रथम : दो मंजिला झांकी में भगवान विष्णु के दस अवतार को दिखाया जाएगा। अग्र भाग में भगवान राम पुष्पक विमान और स्वचलित रथ को भगवान कृष्ण द्वारा चलाते हुए बताया गया है।


द्वितीय : कृष्ण लीला की झांकी में भगवान कृष्ण को ग्वालों के कंधों पर बैठकर मटकी फोड़ते हुए दिखाया गया है। दूसरे भाग में यशोदा माता कृष्ण को मक्खन खिला रही हैं।


कलाकार : अध्यक्ष कैलाश ठाकुर के अनुसार झांकी को कलाकार प्रवीण हरगांवकर, दिनेश हरगांवकर, कमलेश शर्मा, राजेश महावर आदि ने मिलकर आकार दिया है।


सर्वधर्म संभाव की झांकी में साईं के उपदेश


मालवा मिल


वर्ष : 85वां


प्रथम : कृष्ण जन्मोत्सव की झांकी में भगवान कृष्ण को पालने से उठते और माता यशोदा को भगवान कृष्ण को प्यार-दुलार करते हुए दिखाया गया है।


द्वितीय : ताड़का वध की झांकी में भगवान राम को ताड़का का वध करते हुए दिखाया गया है। इसके साथ ही विश्वामित्रजी के आश्रम में साधु-संतों को यज्ञ करते बताया गया है।


तृतीय : इसमें शिर्डी बाबा को चारों धर्मों के लोगो के बीच उपदेश देते हुए दिखाया गया है। सर्वधर्म समभाव की झांकी में दया, प्रेम, करुणा और परोपकार का संदेश दिया गया है।


कलाकार : अध्यक्ष कैलाश कुशवाह के अनुसार झांकी का निर्माण मनोज कुशवाह दिनेश देवांग की टीम ने मिलकर किया है।


नजर आएंगे चार युगों के भगवान गणेश के चार अवतार


होप टेक्सटाइल्स


वर्ष : 70वां


प्रथम : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में बनाई गई झांकी में उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की गई है।


द्वितीय : अग्र भाग में शिवजी के त्रिशूल की प्रतिकृति और मध्य भाग में शिव तांडव और अंतिम भाग में डमरू बनाया गया है।


तृतीय : भगवान गणेश के चार युगों के चार अवतारों को दर्शाया गया है। इसमें दस भुजाओं वाले विनायक, मयूर पर सवार छह भुजाओं वाले मयूरेश, मूषक पर सवार भगवान और अश्व पर दो भुजाओं वाले गणेश को बनाया गया है।


कलाकार : राकेश वर्मा, करण मकवाने, देवराम परदे, चंदूलाल साहू, पवन साहू, माही साहू, नागेश चौहान ने मिलकर झांकी को आकार दिया है।


रथ पर विराजेंगे गणेश, नागदेवता करेंगे शिव पूजन


खजराना गणेश मंदिर


वर्ष : 15वां


प्रथम : 70 फीट लंबी झांकी में शिव मंदिर में नागराज द्वारा भगवान शिव की आरती उतारते हुए दिखाया जाएगा। इसके साथ ही रथ पर विराजे गणेश को नागदवेता खीचेंगे।


द्वितीय : इसमें भगवान गणेश को सिंधु नामक असुर का वध करते हुए दिखाया गया है। साथ ही इसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश को मंगलमूर्ति को आशीर्वाद देते बताया गया है।


तृतीय : इसमें अष्ट विनायक की मूर्ति वाले कलश के साथ मूषक राजा को भगवान गणेश को रिद्धि सिद्धि संग झूला-झुलाते दिखाया गया है।


कलाकार : पुजारी अशोक भट्ट के अनुसार झांकी का निर्माण अजय मलमकर ने किया है। अन्य दो झांकियों का निर्माण नरेंद्र वर्मा ने किया है।


नजर आएगा शहर का विकास


-इंदौर विकास प्राधिकरण


वर्ष : 22वां


प्रथम : पहली झांकी में पीपल्याहाना ओवर ब्रिज को दर्शाया गया है।


द्वितीय : प्रभु राम और केवट मिलन प्रसंग पर आधारित झांकी में केवट द्वारा भगवान राम को नाव में गंगा पार कराते हुए दर्शाया गया है।


तृतीय : कार्तिक द्वारा पृथ्वी और भगवान गणेश द्वारा माता-पिता की प्रदक्षिणा करते दिखाया गया है। इसमें बुद्धि की श्रेष्ठता को दर्शाया गया है।


कलाकार : स्वाति लवंगड़े, विनायक वाघ, हीरालाल राय, दिलीप लिखार, सेवाराम राठौर आदि शामिल हैं।


दिखेगी स्वच्छता के हैट्रिक, आरती उतारते बाल गंगा तिलक


- नगर पालिका निगम


वर्ष : 24वां


प्रथम : इसमें इंदौर की स्वच्छता की हैट्रिक को दर्शाया गया है। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण और स्वस्थ इंदौर का संदेश दिया गया है।


द्वितीय : इसमें राधा-कृष्ण की रासलीला को दर्शाते हुए सावन के झूले दिखाए गए हैं। झांकी में पांच हजार बल्ब का इस्तमाल किया गया है।


तृतीय : बाल गंगाधर तिलक को गणेश उत्सव मनाते और आरती उतारते हुए दिखाया गया। इसमें भी पांच हजार बल्ब का इस्तेमाल किया गया है।


कलाकार : अजय पुन्यासी, चंद्रनाथ पाल, मनोहर शर्मा, सलीम अब्बासी, सुमित भावसार आदि हैं


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