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हनीट्रैप के लिए गठित एसआईटी को ई-मेल पर हर घंटे एक जानकारी लोग भेज रहे हैं


 हनीट्रैप के लिए गठित एसआईटी को ई-मेल पर हर घंटे एक जानकारी लोग भेज रहे हैं। हालांकि इनमें से ज्यादातर सूचनाएं हनीट्रैप से हटकर हैं, जिन्हें संबंधित इकाइयों को भेजा जा रहा है। वहीं, हनीट्रैप में गिरफ्तार महिलाओं के जाल में फंसने वाले लोगों में भोपाल के चार व्यापारियों व उद्योगपतियों के नाम भी सामने आए हैं। ये सभी भाजपा नेताओं के समर्थक बताए जा रहे हैं।


एसआईटी ने अपनी जांच में सहयोग के लिए जो ई-मेल आईडी सार्वजनिक किया था, उस पर लोग लगातार सूचनाएं दे रहे हैं। एसआईटी को इस तरह की सूचनाओं के अब तक करीब सौ ई-मेल मिल चुके हैं। इनमें से हनीट्रैप से जुड़ी सूचनाओं के ई-मेल कम हैं और शहरों में देह व्यापार में लिप्त दूसरे गिरोहों की सूचनाएं ज्यादा भेजी जा रही हैं। एसआईटी इन सूचनाओं को संबंधित इकाइयों को भेज रहा है।


 


नेताओं-अफसरों के साथ व्यापारी-उद्योगपति पर भी नजर


हनीट्रैप मामले में नेताओं और अफसरों के नामों के बाद अब व्यापारियों व उद्योगपतियों के नाम चर्चा में आना शुरू हो गए हैं। भोपाल के ऐसे चार नाम बताए जा रहे हैं और ये सभी भाजपा नेताओं के समर्थक बताए जा जाते हैं। दो ज्वेलर्स, एक रेस्टोरेंट मालिक और एक उद्योगपति के नाम सामने आए हैं। इनमें से एक व्यक्ति के पूर्व मंत्री से निकट संबंध हैं। इन चारों लोगों पर एसआईटी की नजर है।


 


नेताओं पर खुफिया नजरें


हनीट्रैप मामले के बाद अब संदेह के घेरे में आए नेताओं पर पुलिस की खुफिया नजरें हैं। राजनीतिक दलों में भी पुलिसकर्मी जानकारियां लेकर अन्य नेताओं के करीब पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं और अतिरिक्त जानकारियां जुटाने के प्रयास कर रहे हैं।


 


कॉलेज की छात्राओं का सहारा


बताया जाता है कि हनीट्रैप में पकड़ी गई महिलाओं द्वारा कॉलेज की छात्राओं के सहारे नेताओं-अफसरों व असरदार लोगों तक पहुंच बनाई जाती थी। पकड़ी गईं महिलाओं में शामिल भाजपा और कांग्रेस से जुड़ी रही दो महिलाएं भी हैं, जिनमें से एक बरखा भटनागर सोनी के एनजीओ भी थे। इनमें से एक समर्थ सामाजिक सेवा संस्था समिति है, जिसमें वे सक्रिय भी रही हैं।


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