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ग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ उठी आवाजों को शांत करने मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चौथे दिन सामने आए


कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ उठी आवाजों को शांत करने मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चौथे दिन सामने आए। बुधवार को एक बयान जारी कर कमलनाथ ने कहा कि वे दिग्विजय सिंह के अनुभव का लाभ लेने के लिए उनसे सलाह लेते रहते हैं।


उन्होंने कहा कि भाजपा यह जान ले कि प्रदेश में मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई विरोधाभास नहीं है। प्रदेश्ा की जनता, पार्टी व विधायकों ने उन पर विश्वास कर यह जवाबदारी सौंपी है। वे पहले दिन से पूरी इमानदारी से इसका निर्वहन कर रहे हैं ।


गौरतलब है कि दिग्विजय पर कमलनाथ सरकार के वन मंत्री उमंग सिंघार ने परदे के पीछे से सरकार चलाने समेत अनेक गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सिंह को शैडो सीएम तक कहा। इससे भाजपा को भी दिग्विजय सिंह के खिलाफ मुखर होने का मौका मिल गया।


 


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा द्वारा जारी बयान में कमलनाथ ने कहा कि दिग्विजय सिंह प्रदेश के 10 वर्ष मुख्यमंत्री रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे हैं। उनके अनुभव का लाभ प्रदेश हित में लेने के लिए उनसे भी वह समय-समय पर सलाह-मशविरा करते रहते हैं। नाथ ने कहा कि अकेले सिंह से नहीं, वे तमाम पूर्व मुख्यमंत्रियों व पूर्व प्रदेश अध्यक्षों से भी सलाह-मशविरा करते रहते हैं।


सीएम ने कहा कि उनका तो यह मानना है कि व्यक्ति को हर उम्र में जहां से ज्ञान, सलाह मिल सके, लेते रहना चाहिए। ज्ञान व सलाह लेने से व्यक्ति कभी छोटा या बड़ा नहीं होता। उन्होंने कहा कि प्रदेश हित में अपने मंत्रियों व विधायकों से भी सलाह-मशविरा लेने में वह पीछे नही हटते हैं।


 


कमलनाथ ने कहा कि यह जरूर सच है कि भाजपा में सरकार के दौरान कई पॉवर सेंटर होते हैं, जो रिमोट कंट्रोल की तरह सरकार को चलाते हैं, लेकिन कांग्रेस में ऐसा कुछ नहीं है। भाजपा द्वारा इस तरह की बातें कर सरकार के क्रांतिकारी निर्णयों व कार्यों से प्रदेश की जनता का ध्यान भटकाने व उन्हें गुमराह करने का असफल प्रयास किया जा रहा है, लेकिन हम डिगेंगे नहीं


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