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घाटे में चल रही बिजली कंपनियों ने इस महीने कर्मचारियों को तनख्वाह देने से भी हाथ खड़े कर दिए हैं


सरकार की बिगड़ी माली हालत का असर बिजली कंपनियों पर भी पड़ रहा है। लगातार घाटे में चल रही बिजली कंपनियों ने इस महीने कर्मचारियों को तनख्वाह देने से भी हाथ खड़े कर दिए हैं। खासतौर से मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के वित्तीय निदेशक ने साफ कह दिया कि जुलाई का वेतन देने के लिए 72 करोड़ रुपए की जरूरत थी, जबकि मप्र पॉवर मेनेजमेंट कंपनी ने मात्र 50 करोड़ रुपए ही दिए


कंपनी ने जैसे-तैसे आंतरिक स्रोतों से 22 करोड़ 62 लाख रुपए का इंतजाम करके पिछले महीने की तनख्वाह बांटी थी, लेकिन अगस्त का वेतन देने की स्थिति नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि 31 मार्च 2019 की स्थिति में भोपाल और ग्वालियर अंचल में 8,422 करोड़ रुपए के बकाया बिजली बिलों की वसूली नहीं हो पा रही है। राज्य सरकार ने भी एसएसटीपी, मुख्यमंत्री कृषि पंप योजना और सौभाग्य योजना का अनुदान और अन्य बकाया नहीं दिया है। इस परिस्थिति और नियमित वेतन देने के कारण कंपनी ढाई सौ करोड़ का नुकसान झेल चुकी है


ऐसे हालात में बिना राजस्व आए अब नियमित वेतन नहीं दिया जा सकता है। यह चेतावनी मप्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के वित्त निदेशक डॉ. राजीव सक्सेना ने दी है। मप्र मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने कहा कि अगस्त में मप्र पॉवर मेनेजमेंट कंपनी को वेतन के बकाया 22 करोड़ देने के लिए दो बार मेल भेजे गए लेकिन रकम अब तक नहीं मिली है।


कंपनी के पास आमदनी का कोई स्रोत नहीं, हालत खराब


अब मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने विद्युत वितरण कंपनियों को जवाब दिया है कि हमारी वित्तीय स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के पास आमदनी का कोई स्रोत नहीं है। कंपनी के पास वहीं पैसा आता है, जो बिजली सेक्टर से वसूल किया जाता है। राज्य सरकार की ओर से भी बकाया न मिलने के कारण कंपनी की वित्तीय हालत खराब हो चुकी है, इसलिए बाकी कंपनियों के खर्चे उठाने की स्थिति अब नहीं बची है।


कंपनी ने कहा है कि 31 मार्च 2019 की स्थिति में बिजली बिलों का आठ हजार 411 करोड़ 58 लाख रुपए बकाया है। खासतौर से भोपाल, ग्वालियर और बुदेलखंड के इलाके में वसूली नहीं हो पा रही है। जब तक वसूली नहीं बढ़ेगी, तब तक वेतन के लिए रकम भेज पाना नामुमकिन है


ऐसा है कंपनियों का कार्यक्षेत्र


प्रदेश भर में विद्युत वितरण की जिम्मेदारी तीन कंपनियों पर है। दो कंपनियां प्रदेशभर के वितरण और उत्पादन का संभालती हैं। छठवीं कंपनी इन पांचों कंपनी का प्रबंधन संभालती हैं


1 पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी- इसमें रीवा-सागर,जबलपुर और शहडोल संभाग आते हैं ।


2 मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी - इसमें राजधानी भोपाल और ग्वालियर व चंबल संभाग आते हैं


3 पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी-इसमें इंदौर, उज्जैन संभाग यानी पूरा मालवा और निमाड़ क्षेत्र आता है।


4 मप्र पॉवर ट्रांसमीशन कंपनी - यह कंपनी प्रदेश भर में विद्युत वितरण का काम करती हैं। इसका मुख्यालय जबलपुर में हैं ।


 


5 मप्र पॉवर जनरेशन कंपनी -यह कंपनी सभी विद्युत उत्पादन संयंत्रों की मॉनीटरिंग करती है।


6 मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी- इन सभी कंपनियों पर नियंत्रण रखती है। बिजली खरीदी से लेकर वितरण ,उत्पादन सभी पर नजर रखती है। सभी कंपनियों का वित्तीय व प्रबंधन देखती है


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