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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के छोटे भाई जो जॉनसन ने राष्ट्रहित की बात करते हुए कैबिनेट और कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद के तौर पर से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया है


ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के छोटे भाई जो जॉनसन ने राष्ट्रहित की बात करते हुए कैबिनेट और कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद के तौर पर से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया है। दरअसल, पीएम जॉनसन ने जब से चुनाव के मोड में जाने की बात कही है, तब से राजनीति गर्मा गई है। एक तरफ जहां ब्रिटेन में चुनाव की तैयारी चल रही है, वहीं तीन साल पहले से चल रहा ब्रेक्जिट का मुद्दा अभी भी हवा में लटका है।


साल 2016 में ब्रिटेन के लोगों ने यूरोपियन यूनियन को छोड़ने के पक्ष में मतदान किया था। इसके विकल्प के रूप में बिना-ब्रेक्जिट की डील की बात भी चल रही है। उत्तरी इंग्लैंड में बोरिस जॉनसन ने अनौपचारिक रूप से चुनाव अभियान शुरू करने को लेकर भाषण देने से पहले ही उनके भाई ने कैबिनेट छोड़कर झटका दे दिया। इससे समझा जा सकता है कि ब्रेक्जिट मामला कितना गंभीर है।


 


व्यापार मंत्री और ओर्पिंगटन से संसद के सदस्य ने कहा कि परिवार के प्रति निष्ठा और राष्ट्रीय हित के बीच खुद को फंसा हुआ महसूस कर रहा था। इस वजह से उन्होंने मजबूरन यह कदम उठाया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा- हाल के हफ्तों में मैं परिवार के प्रति निष्ठा और राष्ट्रीय हित के बीच फंसा हुआ महसूस करा रहा था। इस तनाव का कोई हल नहीं था और यही सही समय है कि अन्य लोग सांसद और मंत्री की मेरी भूमिका को ग्रहण करें।


जो जॉनसन ने यूरोपियन यूनियन में बने रहने के लिए मतदान किया था, जबकि उनके बड़े भाई बोरिस ने ब्रेक्जिट कैंपेन का चेहरा बन गए थे। जो साल 2010 से सांसद हैं और कई मंत्री पदों पर काम कर चुके हैं। उनका पार्टी और कैबिनेट को छोड़ना निश्चित तौर पर बोरिस के लिए घर से ही मिला बड़ा झटका है।


 


जो जॉनसन ने कहा कि नौ साल तक ओर्पिंगटन का प्रतिनिधित्व करना तथा तीन प्रधानमंत्रियों के तहत मंत्री बनाना सम्मान की बात है। बताते चलें कि बोरिस जॉनसन ने जुलाई में पीएम का पद संभालने के बाद से 31 अक्टूबर तक ब्रेक्जिट डील के साथ या बिना डील के ही अलग होने के लिए कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों को साथ लाने की कोशिश की है।


बीते मंगलवार को उन्होंने पूर्व पीएम रहे विंस्टन चर्चिल के पोते सहित 21 कंजर्वेटिव सांसदों को पार्टी से निकाल दिया था क्योंकि वे उनकी रणनीति का समर्थन करने में विफल हो गए थे


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