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75 फीसद लोगों ने कहा मानसिक स्वास्थ्य की समस्या से जूझ रहे अधिकांश युवा मदद पाने के लिए संघर्ष करते हैं


 मानसिक स्वास्थ्य की समस्या से जूझ रहे अधिकांश युवा मदद पाने के लिए संघर्ष करते हैं। एक नए सर्वेक्षण के अनुसार, 25 साल से कम उम्र के तीन चौथाई लोग यानी करीब 75 फीसद लोगों ने कहा कि उन्होंने अपनी समस्याओं से निपटने के लिए खुद कोशिश की थी या उन्हें दबा दिया था क्योंकि उन्हें वह समर्थन नहीं मिला, जिसकी उन्हें जरूरत थी।

 


 


यंगमाइंड्स ने सर्वे में पाया कि मानसिक परेशानी से जूझ रहे लोग ऑनलाइन मदद पाने के लिए संघर्ष करते रहे और दोस्तों, परिवार या शिक्षकों के साथ सहज महसूस नहीं कर रहे थे। जब उन लोगों से पूछा गया कि उनके मानसिक स्वास्थ्य पर किन कारकों का सबसे ज्यादा असर पड़ा? इस सवाल का सबसे आम उत्तर स्कूल या कॉलेज में अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव था। करीब 77 फीसद प्रतिभागियों ने यह जवाब दिया था
इसके बाद 69 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें इस बात की चिंता थी कि वे कैसे दिखते हैं, 62 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें परिवार के साथ समस्याएं थीं और 52 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें दोस्तों के साथ परेशानी थी। प्रतिभागियों में से करीब एक चौथाई (27 प्रतिशत) ने कहा कि सोशल मीडिया पर बहुत अधिक समय बिताना उनकी मानसिक परेशानी का एक महत्वपूर्ण कारक था।

 


 


शोध में यह भी पाया गया कि कई युवा अकेले ही अपनी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे थे। महज 17 प्रतिशत युवाओं ने अपने मुद्दों को खुद से मैनेज करने की क्षमता में आत्मविश्वास महसूस किया। अपने मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी वाले युवा लोगों में दोस्त सबसे आम स्रोत थे, जिनसे युवाओं ने मदद मांगी
वहीं, 63 फीसद लोगों ने कहा कि माता-पिता दूसरे नंबर पर थे, जिन्होंने समर्थन दिया, जबकि 53 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्होंने मदद के लिए इंटरनेट का उपयोग किया था। यंगमाइंड्स की मुख्य कार्यकारी एमा थॉमस ने कहा- 'ये परिणाम दिखाते हैं कि युवा लोगों के लिए मदद हासिल करना कितना कठिन हो सकता है, जब वे पहली बार संघर्ष करना शुरू करते हैं। हम जानते हैं कि इसे बहुत देर से छोड़ने का प्रभाव विनाशकारी हो सकता है।

 


 


चैरिटी ने यह भी बताया कि 76 प्रतिशत माता-पिता ने कहा कि मदद का इंतजार करने की वजह से उनके बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ गया था। थॉमस ने कहा- हम हर दिन मदद का इंतजार करने की वजह से समय बिताने वाले उन युवाओं से सुनते हैं कि उनकी समस्याएं समय के साथ बदतर हो गई हैं



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