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पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी चयन की स्क्रीनिंग कमेटी की जिम्मेदारी दे दी


मध्यप्रदेश कांग्रेस की राजनीति के एक महत्वपूर्ण केंद्र माने जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने एक बार फिर दूसरे राज्य महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी चयन की स्क्रीनिंग कमेटी की जिम्मेदारी दे दी है। यह जवाबदारी ऐसे समय सौंपी गई है, जब मप्र कांग्रेस कमेटी के नए अध्यक्ष को लेकर कवायद चल रही है। सिंधिया को दूसरे प्रदेश की जिम्मेदारी दिए जाने पर उनके समर्थक नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।


समर्थकों ने अपने नेता को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कमान सौंपने की मांग की है। प्रदेश में कांग्रेस की राजनीति के केंद्र मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और सिंधिया माने जाते हैं। बाकी दूसरी लाइन के नेता इन तीनों के आसपास रहते हैं। दूसरी लाइन के कुछ नेता इनसे संपर्क रखकर खुद को अपने-आपको गुटीय राजनीति से बचाए रखने की कोशिश करने राहुल गांधी की निकटता का सहारा भी लेते हैं। हालांकि कांग्रेस में अभी कमलनाथ, दिग्विजय और सिंधिया की गुटीय राजनीति में इस समय नाथ-दिग्विजय की जोड़ी काम कर रही है, जिससे सिंधिया अलग-थलग दिखाई देने लगे हैं।


 


प्रदेश में सरकार बनने के बाद जिस तरह सिंधिया ने सक्रियता दिखाई थी, वह लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कम हुई है। लोकसभा चुनाव के समय भी सिंधिया को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने पश्चिमी उत्तरप्रदेश का प्रभारी महासचिव बनाकर भेजा था।


वहां कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। कुछ समय से उनके भाजपा में जाने की खबरें मीडिया जगत में प्रचारित हो रही थीं, जिन पर उनकी व उनके समर्थकों की चुप्पी बनी हुई थी। दो दिन पहले एआईसीसी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए स्क्रीनिंग कमेटी बनाकर उन्हें उसका अध्यक्ष बना दिया है। इसके बाद अब उनके समर्थकों की नाराजगी खुलकर सामने आई है।


 


सीएम के दिल्ली प्रवास से चर्चा और तेज


मुख्यमंत्री कमलनाथ शनिवार को फिर दिल्ली पहुंच गए हैं। वे हाल ही में राजीव गांधी की 75वीं जयंती कार्यक्रम में शामिल होकर लौटे थे और तब उनकी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात हुई थी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर लंबे समय से अटकलें चल रही हैं। सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद अब जल्द फैसला होने की संभावना जताई जा रही है। एआईसीसी महासचिव व प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया के पिछले सप्ताह भोपाल प्रवास को भी इसी घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है और उन्होंने कई नेताओं के साथ पीसीसी अध्यक्ष पर चर्चा भी की थी।


 


वहां कौन पूछ रहा


मैं तो महाराष्ट्र की जिम्मेदारी दिए जाने से खुश नहीं हूं। देना है तो मप्र की दें। वहां कौन पूछ रहा है। - इमरती देवी, मंत्री, महिला एवं बाल विकास विभाग


 


विधानसभा चुनाव में कमलनाथ व सिंधिया की जोड़ी ने अच्छे परिणाम दिए थे। उन्हें पीसीसी की कमान देकर फिर जोड़ी बनानी चाहिए


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