Header Ads Widget

Responsive Advertisement

चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय को खत लिखकर वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने की अपील की है


हर बार चुनावों में फर्जी वोटिंग की खबरें आती हैं साथ ही नेता भी इसके आरोप लगाते हैं। इस पर काबू पाने के सारे तरीके आजमाने के बाद अब चुनाव आयोग ने बड़ कदम उठाया है। आयोग ने कानून मंत्रालय को खत लिखकर वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने की मांग की है।


खबरों के अनुसार फर्जी वोटरों की समस्या को समाप्त करने के लिए चुनाव आयोग ने आधार कार्ड को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ने के मामले में कानून मंत्रालय को पत्र लिखा है। अपने पत्र में आयोग ने जनप्रतिनिधित्व कानून और आधार से जुड़े कानून में संशोधन की मांग की है। आयोग ने लिखा है कि उन्हें यह अधिकार दिया जाए की वो आधार को वोटर कार्ड से लिंक कर सके


आयोग का मानना है कि आधार को मतदाता सूची से जोड़ने से फर्जी मतदाताओं की पहचान की जा सकेगी। इस मामले में चुनाव आयोग पहले भी सरकार से आग्रह कर चुका है, लेकिन आधार मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने की वजह से यह मामला टलता रहा है।


गौरतलब है कि कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों की ओर से चुनाव प्रक्रिया की शुचिता पर लगातार सवाल उठाए जाने के बाद खुद भाजपा नेता और वकील अश्विन उपाध्याय ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उपाध्याय ने याचिका में फर्जी मतदान रोकने और निर्वाचन प्रक्रिया में अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आधार कार्ड पर आधारित मतदान प्रणाली लागू करने की मांग की थी


उपाध्याय ने हाई कोर्ट से इस संबंध में चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग करते हुए दलील दी थी कि आधार कार्ड को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ देने से मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं होगा।


अब तक चुनाव आयोग 38 करोड़ वोटरों का वोटर आईडी उनके आधार नंबर से लिंक कर चुका है। इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए आयोग ने एक बार फिर से जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 में संशोधन का प्रस्ताव किया है। इसके तहत वोटर आईडी को आधार के बारह डिजिट के नंबर से जोड़ना अनिवार्य हो जाएगा। इसमें लोगों की निजता का पूरा ख्याल रखा जाएगा। वर्ष 2015 में आयोग की इस कवायद को शीर्ष अदालत का फैसला आने के बाद रोक लग गई थी


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ