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शीला दीक्षित को अंतिम सांस तक थी कांग्रेस की फिक्र, आखिर निर्देश था- भाजपा मुख्यालय घेरो

मीरजापुर में प्रियंका के धरने के बाद दिल्ली के कार्यकर्ताओं को दिया था आखिरी आदेश


कांग्रेस में नेहरू-गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ राजनीति कर 81 साल की उम्र में अलविदा हुईं शीला दीक्षित हर वक्त पार्टी की चिंता में डूबी रहीं। शुक्रवार-शनिवार को उप्र के मीराजापुर के चुनार गेस्ट हाऊस में जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी धरने पर बैठी, तब भी उन्होंने दिल्ली के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया था, "यदि उप्र में प्रियंका गांधी और प्रदेश सरकार के बीच गतिरोध समाप्त नहीं होता है, तो वे दिल्ली में भाजपा मुख्यालय को घेरे व वहां प्रदर्शन करेंकांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री व पूर्व मंत्री किरण वालिया ने बताया कि दिल्ली प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष हारुन युसूफ को भाजपा के खिलाफ इस आंदोलन का नेतृत्व करना था। वालिया ने नम आंखों से यह बात कही। दिल्ली के विकास में योगदान को याद कियादिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित (81) के निधन के बाद शोक की लहर दौड़ गई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी के विकास में उनके योगदान को याद किया


ससुर उमाशंकर दीक्षित की विरासत संभाली


अपने ससुर उमाशंकर दीक्षित की राजनीतिक विरासत संभालने वालीं शीला दीक्षित की बड़ी चाहत थी कि संसद में वह उन्नाव की नुमाइंदगी करें। साल 1996 में कांग्रेस से नाराज होकर तिवारी कांग्रेस से उन्नाव से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन, उनकी जमानत जब्त हो गई। साल 1998 में वह दिल्ली की कांग्रेस अध्यक्ष बनीं और लगातार दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रहीं। मुख्यमंत्री बनने के बाद वह जब भी अपने ससुर के गांव ऊगू आईं, तो कस्बे के लोगों से बहू की तरह ही मिलीं। पिछले चार वर्षों से ऊगू नहीं आईं, तो उनके पुत्र पूर्व सांसद संदीप दीक्षित आते रहे और गांव वासियों की मां से मोबाइल से बात कराते थे। ससुर का जन्मदिन मनाने शीला दीक्षित प्रतिवर्ष 12 जनवरी को ऊगू आती थीं। वह आखिरी बार 12 जनवरी 2009 को आई थीं


1985 में बम धमाके में बाल-बाल बची थीं


शीला दीक्षित के निधन से पंजाब के बटाला में भी लोग दुखी हैं। वर्ष 1985 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान वह बम धमाके में बाल-बाल बची थीं। कांग्रेस के पूर्व मंत्री अश्वनी सेखड़ी ने शीला दीक्षित को याद करते हुए बताया कि 1985 के लोकसभा चुनाव में शीला कांग्रेस की रैली संबोधित करने के लिए बटाला पहुंची थीं। रैली बटाला के लीक वाला तालाब में थी, जिसके बाद जीटी रोड पर स्थित पैरामाउंट होटल में नेताओं के भोजन का प्रबंध किया गया था


सेखड़ी ने बताया कि शीला दीक्षित की कार होटल के बाहर पहुंची और वह कार से निकल कर होटल चली गईं। इसी दौरान उनकी खड़ी कार में बम विस्फोट हो गया। कार पूरी तरह जलकर राख हो गई। आस-पास ठेले और रेहड़ियों पर खड़े तीन-चार बच्चे भी घायल हो गए, जिनमें कुछ की बाद में मौत हो गई थी। विस्फोट के पीछे खालिस्तान कमांडो फोर्स का हाथ सामने आया था


नेताओं के शोक संदेश


राष्ट्रपति ने कहा है, "उनका कार्यकाल राजधानी के लिए बदलाव की घड़ी था। इसके लिए उन्हें याद किया जाएगा।" उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने ट्वीट किया "दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री के निधन पर मैं शोक व्यक्त करता हूं।"


पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- "शीला दीक्षितजी के निधन से गहरा दुख हुआ। ऊर्जा से भरी और मृदुभाषी व्यक्तित्व की धनी शीलाजी ने दिल्ली के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया था।" गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- "शीला दीक्षित के निधन से मैं दुखी हूं। दुख की इस घड़ी में भगवान उनके परिवार को शक्ति दें


केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा- "दिल्ली के विकास के लिए उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।" पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा- "शीला के निधन से मैंने एक गहरे मित्र और सहयोगी को खो दिया है। मेरी संवेदना उनके परिवार और मित्रों के साथ है।" वहीं, पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह "देश ने एक समर्पित कांग्रेस नेता खो दिया है। शीला दीक्षित को लोग विकास में दिए गए योगदान के लिए याद रखेंगे।


कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा- "शीलाजी कांग्रेस की प्रिय बेटी थीं, जिनसे मेरा निजी गहरा लगाव था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा- "वह कांग्रेस की कद्दावर नेता थीं। पार्टी, पूरे देश खासकर दिल्ली के लिए उनके राजनीतिक योगदान को याद रखा जाएगा।"


 


लालकृष्ण आडवाणी ने कहा- "वह एक सक्षम प्रशासक थीं। उन्होंने दिल्ली के विकास के लिए अमूल्य योगदान दिया। उन्हें एक अच्छी महिला के रूप में याद किया जाएगा। वहीं, नेकां नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, "जो भी शीला दीक्षित को जानते हैं उन्हें बहुत याद आएंगी। उनकी आत्मा को शांति मिले।" स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर ने कहा- "शीलाजी के निधन से गहरा सदमा पहुंचा है। वह एक उल्लेखनीय महिला थीं। हमने कभी राजनीति पर बात नहीं की लेकिन संगीत और कविता पर बात की। उनके परिवार के लिए गहरी शोक संवेदना


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