Header Ads Widget

Responsive Advertisement

रेलवे महू में रतलाम मंडल की पहली ऐसी लॉन्ड्री तैयार करा रहा है, जिसमें चादरों की धुलाई पूरी तरह ऑटोमेटिक होगी


 ट्रेन के फर्स्ट से लेकर थर्ड एसी में सफर करने वाले यात्रियों को अब खुशबूदार चादर व कंबल मिलेंगे। रेलवे अपने यात्रियों के लिए नया प्रयोग करने जा रहा है। यात्रा के दौरान जैसे ही यात्री चादर खोलेंगे उन्हें इस खुशबू का अहसास होगा। इसके लिए रेलवे महू में रतलाम मंडल की पहली ऐसी लॉन्ड्री तैयार करा रहा है, जिसमें चादरों की धुलाई पूरी तरह ऑटोमेटिक होगी। यह लॉन्ड्री महू कोचिंग डिपो यार्ड में बिल्ड आउन ऑपरेट एंड ट्रांसफर (बूट) योजना के तहत बनाई जाएगी। महू में नई लॉन्ड्री बनने के बाद इंदौर स्टेशन के कोचिंग डिपो में चल रही मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री को बंद कर दिया जाएगा।


रतलाम मंडल के अंतर्गत आने वाले महू स्टेशन पर मंडल की सबसे आधुनिक लॉन्ड्री बनेगी। इस लॉन्ड्री से धुलकर निकलने वाले चादर व कंबल साफसुथरे होने के साथ पूरी तरह कीटाणुरहित होंगे। रेलवे यात्रियों की सुविधा व भविष्य में इंदौर स्टेशन पर यात्रियों के बढ़ने वाले दबाव को ध्यान में रखते हुए महू स्टेशन पर कोचिंग डिपो के पास नई लॉन्ड्री बनाई जाएगी


इसलिए आएगी महक


नई लॉन्ड्री पूरी तरह ऑटोमेटिक होगी। इसमें चादर और कंबल धुलेंगे। साथ ही ये प्रेस और फोल्ड होकर बाहर निकलेंगे। कपड़ों में चंदन, खस और गुलाब की खुशबू भी आएगी


रेलवे व यात्री दोनों को होगा फायदा


योजना तैयार हो गई है, इसमें लगभग पांच करोड़ रुपए खर्च आएगा। एक साल


एक साल में बनकर तैयार हो जाएगी


रेलवे अधिकारियों के अनुसार, हाइटेक लॉन्ड्री बनाने पर करीब पांच करोड़ रुपए का खर्च आएगा। महू में लांड्री का संचालन एक साल में शुरू हो जाएगा। इंदौर लॉन्ड्री में अभी बेडरोल (चादर, कंबल, तौलिया और तकिया कवर) धुलाई में करीब 22 रुपए का खर्च आ रहा है। नई लॉन्ड्री में यह खर्च 16 रुपए प्रति बेडरोल का आएगा। इस प्रकार प्रति बेडरोल छह रुपए की बचत भी होगी। लॉन्ड्री को बनाने से लेकर संचालित करने तक का पूरा काम एक ही कंपनी करेगी। 10 साल तक लॉन्ड्री का संचालन कंपनी ही करेगी। इसके बाद इसे रेलवे को सौंप दिया जाएगा


में नई लॉन्ड्री महू में शुरू हो जाएगी। इससे रेलवे व यात्री दोनों को फायदा होगा


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ