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नागपंचमी पर महाकाल और नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए एक कतार की योजना


उज्जैन। इस बार नागपंचमी 5 अगस्त सोमवार के दिन आ रही है। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में इसको लेकर तैयारियां की जा रही हैं। वजह इस दिन मंदिर के शीर्ष पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट एक साल बाद खुलेंगे। साथ ही श्रावण मास में महाकाल की तीसरी सवारी भी निकलेगी।


ऐसे में भगवान नागचंद्रेश्वर व महाकालेश्वर के दर्शन के लिए भक्त उमड़ेंगे। मंदिर समिति महापर्व को लेकर जो विशेष दर्शन प्लान तैयार कर रही है। इसके तहत भक्तों को एक बार कतार में लगने के बाद दोनों मंदिरों के एक साथ दर्शन होंगे। हालांकि इस प्लान में भीड़ नियंत्रण बड़ा सवाल है


महाकाल मंदिर में नागपंचमी पर भगवान नागचंद्रेश्वर व महाकालेश्वर के दर्शन के लिए अलग-अलग कतार लगती आई है। लेकिन इस बार सोमवार के दिन नागपंचमी आने से मंदिर प्रशासन को नया दर्शन प्लान बनाना पड़ रहा है। क्योंकि नागचंद्रेश्वर मंदिर तक दर्शनार्थियों को ले जाने के लिए परिसर में बैरिकेड लगाए जाते हैं।


सोमवार का दिन होने से शाम को महाकाल की सवारी निकलेगी, राजा की पालकी परिसर से होकर मंदिर के बाहर आती है। ऐसे में पालकी के नगर भ्रमण के लिए रवाना होते और पुन: मंदिर लौटते समय नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन रोक कर परिसर से बैरिकेड हटाना पड़ेंगे। इससे अव्यवस्था फैल सकती है


ये हो सकता है दर्शन प्लान


अफसर चाहते हैं कि ऐसा दर्शन प्लान तैयार किया जाए, जिससे परिसर में बैरिकेड नहीं लगाना पड़े। सूत्र बताते हैं अफसर जिस प्लान पर मंथन कर रहे हैं, उसके अनुसार दर्शनार्थियों की एक ही कतार रहेगी। श्रद्धालुओं को कर्तिकेय मंडपम् से गणेश मंडपम् में लाया जाएगा। यहां बैरिकेड से भगवान महाकाल के दर्शन करवाने के बाद नंदी हॉल के रैंप से होते हुए नागचंद्रेश्वर मंदिर के लिए लगाई गई अस्थायी लोहे की सीढ़ियों के रास्ते नागचंद्रेश्वर मंदिर में प्रवेश दिया जाएगाइस प्लान को लागू करने में सबसे बड़ी कठिनाई भीड़ नियंत्रण की आ रही है। दोनों मंदिरों में एक साथ दर्शन कराने से दर्शन की कतार धीमी चलेगी। इससे दर्शन में समय भी अधिक लगेगा, साथ ही दोनों मंदिरों में दर्शनार्थियों का दबाव बढ़ जाएगा। दोनों मंदिरों में दर्शन की कतार अलग होने से भीड़ का दबाव कम रहेगा। क्योंकि इस दिन केवल नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने वाले श्रद्धालु अधिक होते हैं


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