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ग्रामों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना का अनुमोदन

 क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण योजना के क्रियान्वयन के लिए 4 हजार 572 करोड़ रूपये की सैद्धांतिक स्वीकृति राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय भोपाल में स्थापित किए जाने पर सैद्धांतिक स्वीकृति मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के ग्रामों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना का अनुमोदन किया गया। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक जिले में एक ऐसे ग्राम का चयन किया जाएगा जिसकी वर्तमान जनसंख्या न्यूनतम 2000 हो एवं गौ-वंश की न्यूनतम संख्या 500 हो। ऐसे ग्रामों को मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम के रूप में विकसित कर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। ये ग्राम आत्मनिर्भर होकर प्रदेश के अन्य ग्रामों के समक्ष विकास का आदर्श प्रस्तुत करेंगे। इस योजना के अंतर्गत गौ-पालन एवं डेयरी विकासपर्यावरण संरक्षणजैविक कृषिजल संरक्षणसौर ऊर्जाचारागाह विकासअधोसंरचना विकासस्वरोजगार सहित ग्रामीण विकास के विषयगत दृष्टिकोणों से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किये जाने का निर्णय लिया गया।

            राज्य शासन की अवधारणा है कि प्रदेश में कुछ ग्राम इस प्रकार विकसित किये जायें ताकि वे आत्मनिर्भर होकर प्रदेश के समस्त ग्रामों के लिए उदाहरण बनें तथा अन्य ग्राम इन चयनित ग्रामों से प्रेरित होकर स्वयं भी आत्मनिर्भरता और चहुँमुखी विकास की ओर अग्रसर हों। इन चयनित ग्रामों में विभिन्न विभागों के अन्य विकास कार्यों के साथ मुख्य रूप से गौवंशीय एवं अन्य दुधारू पशुओं के पालनदुग्ध-उत्पादन एवं डेयरी विकास पर ध्यान केन्द्रित किया जायेगा। जहां स्वच्छता एवं हरियाली के साथ-साथ गौसेवा और आध्यात्मिकता से समन्वित आर्थिक आत्मनिर्भरता प्रत्यक्षतः दृष्टिगोचर हो और ग्राम "वृन्दावन" के रूप में साकार हो सके।

            मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना के उद्देश्यों में गौपालन एवं डेयरी विकास को बढ़ावा देना। ग्राम को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के साथ सहकारिता के माध्यम से दुग्ध व्यवसाय का प्रसार करनाजिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हो सके। पर्यावरण संरक्षणजैविक कृषिजल संरक्षण तथा सौर ऊर्जा संबंधी गतिविधियों को जनभागीदारी से क्रियान्वित करनाचारागाह विकासग्राम में अधोसंरचना विकासग्रामीण परिवारों का रोजगार/स्वरोजगार आधारित आर्थिक सुदृढ़ीकरण और ग्रामीण विकास के विषयगत दृष्टिकोणों को अपनाते हुए सतत् विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करना है।

            चयनित वृन्दावन ग्राम में विभिन्न विभागों के माध्यम से जो सुविधाएं उपलब्ध करायी जाना हैवे 6 श्रेणियों में होगी। चयनित वृन्दावन ग्राम में अधोसरंचना के लिए गौशालाग्राम पंचायत भवनसामुदायिक भवनआँगनबाड़ी भवनस्वास्थ्य केन्द्रस्कूल भवनयात्री प्रतीक्षालयसोलर स्ट्रीट लाइटपुस्तकालयसर्वसुविधायुक्त आजिविका भवन/ग्रामीण आजीविका के लिए वर्कशेडपशु चिकित्सालयग्राम तक कनेक्टिविटीग्राम के अंतर्गत आंतरिक सड़कें/नालीसार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान एवं गोडाउनहर घर जल (सोलर उर्जा आधारित पम्प के माध्यम से)ग्रामीण उद्योग आधारित आर्ट एण्ड क्राफ्ट सेंटरबायोगैस सयंत्रशांतिधाम निर्माणगौ-समाधि स्थलसेग्रीगेशन शेडजल निकासी के लिए नालीकृत्रिम गर्भाधान केन्द्रग्राम में विद्युत प्रवाह के लिए सौर उर्जा एवं गैर परम्परागत उर्जा क्षेत्र में विकासपात्र परिवारों के लिये जलवायु अनुकूल आवास तथा (व्यक्तिगत शौचालय)सार्वजनिक उद्यान (पार्क)सार्वजनिक शौचालयसिंचाई स्रोत विकास एवं ड्रिप एरीगेशन की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी।

            आजीविका संबंधी गतिविधियों में नंदन फलोद्यानपोषण वाटिकादुग्ध कलेक्शन सेंटरलघु वनोपज आधारित लघु उद्योगकृषि/फल उपज आधारित उद्योगग्राम में उपलब्ध कौशल आधारित सेवाओं के विकास की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी।

            वाटर कनजर्वेशन संबंधी जल संचयन संरचनाएंरूफ वॉटर हार्वेस्टिंगनलकूप रिचार्जडगवेल रिचार्जस्टॉप डेम/चेकडेमतालाबों का संरक्षण इसी प्रकार पंचायत सशक्तिकरण संबंधी में स्वयं की आय के स्रोत का विकास तथा ई-पंचायत /CSCकी सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी।

            विशेष लक्ष्य में प्राकृतिक कृषिधार्मिक स्थलों / भूमियों का संरक्षणघर से कचरा उठाने स्वच्छता वाहनग्रे वाटर मैनेजमेंटमल-कीचड प्रबंधनराजस्व अभिलेखों को अद्यतन करनाशत प्रतिशत समग्र ईकेवाइसीग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होम-स्टेग्राम के आर्ट एवं क्राफ्ट को बढ़ावा देने के लिए हस्तशिल्प कला केन्द्रग्राम की शालाओं/आंगनबाडियों में अध्यनरत बच्चों के लिये पौष्टिक भोजनअतिक्रमण मुक्त ग्राम तथा ग्राम की स्थानिक योजना की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी।

*क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण योजना के क्रियान्वयन की सैद्धांतिक स्वीकृति*

            मंत्रि-परिषद द्वारा राज्य मद अंतर्गत क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण की योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2029-30 तक 1766 पुलों के पुनर्निर्माण के लिए 4 हजार 572 करोड़ रूपये की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गयी। स्वीकृति अनुसार क्षतिग्रस्त पुलों का पुनर्निर्माण किया जाकर बारहमासी संपर्क सुविधा प्रदान की जायेगी। योजना के क्रियान्वयन एवं मॉनीटिरिंग के लिए मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण की साधिकार समिति को समुचित निर्णय लिये जाने के लिए अधिकृत किये जाने की स्वीकृति दी गयी।

*राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालयकी स्थापना भोपाल में किए जाने की सैंद्धातिक स्वीकृति*

            मंत्रि-परिषद द्वारा राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालयगाँधीनगर के परिसर (Campus) की स्थापना भोपाल में किए जाने के लिए सैंद्धातिक स्वीकृति प्रदान की गई है। स्वीकृति अनुसार भोपाल में राष्ट्रीय रक्षा विश्ववि‌द्यालय (आरआरयू) की स्थापना के लिए तीन वर्षों के लिए प्रति वर्ष एक करोड़ 5 लाख रूपये की राशि प्रदान की जायेगी। भोपाल में राष्ट्रीय रक्षा विश्ववि‌द्यालय के स्थायी परिसर के लिए राजीव गांधी प्रौ‌द्योगिकी विश्ववि‌द्यालय (आरजीपीवी)भोपाल परिसर में उपलब्ध भूमि में से 10 एकड़ भूमि को विभाग स्तर से हस्तांतरित किया जायेगा। भोपाल में राष्ट्रीय रक्षा विश्ववि‌द्यालय के स्थाई भवन का निर्माण पूर्ण होने तक राजीव गांधी प्रौ‌द्योगिकी विश्ववि‌द्यालय में उपलब्ध भवन को अस्थायी रूप से राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के संचालन के लिए उपलब्ध कराये जाने का अनुमोदन किया गया।

            इसके स्थापित होने से राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में रोजगार एवं कौशलविशिष्ट उच्च शिक्षा के केंद्र के रूप में मध्यप्रदेश की प्रतिष्ठा में वृद्धिराज्य और राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं के मध्य सहयोग में वृद्धि होगी।

*विभागीय छात्रावासों में निवासरत विद्यार्थियों के लिए मेस संचालन की सैद्धांतिक स्वीकृति*

            मंत्रि-परिषद द्वारा पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के विभागीय छात्रावासों में निवासरत विद्यार्थियों के लिए मेस संचालन की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है। विभाग के छात्रावास की संख्या 108, विद्यार्थियों की संख्या 9050 है। इसके लिए 14 करोड़ अनावर्ती तथा 17 करोड़ आवर्ती व्यय कुल 31 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई।

*नवीन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कुल 1266 नवीन पदों की स्वीकृति*

            मंत्रि-परिषद द्वारा नवीन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मध्यप्रदेश न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में 202 वैज्ञानिक अधिकारी को सम्मिलित कर कुल 1266 पदों की स्वीकृति दी गयी। स्वीकृति अनुसार भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 176(3) के क्रियान्वयन के लिए 7 वर्ष या उससे अधिक सजा वाले समस्त अपराधों में फॉरेंसिक विशेषज्ञ के अनिवार्य तथा आवश्यक भ्रमण के लिए 1266 नवीन पदों के सृजन की स्वीकृति प्रदान की गई। नए कानून को लागू करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है।

*नव गठित जिलों में संयोजक जनजातीय तथा अनुसूचित जाति जिला कार्यालयों की स्थापना की स्वीकृति*

            मंत्रि-परिषद द्वारा जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत तीन नव गठित जिलों में जिला संयोजक जनजातीय तथा अनुसूचित जाति जिला कार्यालयों की स्थापना की स्वीकृति दी गई। इसमें मऊगंज के लिए 16 पदमैहर के लिए 18 पद तथा पांढुर्णा के लिए 14 पद कुल 48 नवीन पदों का सृजन और 381.30 लाख रूपये वार्षिक अतिरिक्त वितीय व्यय की स्वीकृति प्रदान की गई है।

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