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अब मोबाइल ऐप करेगा बोर्ड परीक्षा की निगरानी, झट से पकड़ लेगा चोरी

परीक्षा के प्रश्र-पत्रों की गोपनीयता बनाए रखने के लिए स्कूल शिक्षा की प्रमुख सचिव रश्मि शमी ने शुक्रवार को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। दोनों परीक्षाओं में 18 लाख से अधिक विद्यार्थी शामिल होंगे। सत्र 2022-23 की मार्च में आयोजित दसवीं-बारहवीं की परीक्षा में कई पेपर आउट हुए थे।

अब मोबाइल ऐप करेगा बोर्ड परीक्षा की निगरानी, झट से पकड़ लेना चोरी
भोपाल. माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं एवं बारहवीं कक्षा की परीक्षा में किसी तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए अब मोबाइल ऐप के माध्यम से पेपरों की निगरानी की जाएगी। इतना ही नहीं कलेक्टर प्रतिनिधि भी परीक्षा शुरू होने के एक घंटे बाद ही परीक्षा केंद्र छोड़ सकेंगे। परीक्षा के प्रश्र-पत्रों की गोपनीयता बनाए रखने के लिए स्कूल शिक्षा की प्रमुख सचिव रश्मि शमी ने शुक्रवार को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
प्रमुख सचिव ने जारी निर्देशों में कहा गया है कि परीक्षा के प्रश्न-पत्र परीक्षा केंद्र के नजदीकी थानों में रखे जाएंगे। प्रत्येक परीक्षा के दिन थाने से प्रश्र-पत्र निकालने के लिए संबंधित परीक्षा केंद्र के केंद्राध्यक्ष या सहायक केंद्राध्यक्ष के साथ एक-एक कलेक्टर प्रतिनिधि की नियुक्ति होगी।
जिला कलेक्टर प्रतिनिधि के मोबाइल पर एक एप डाउनलोड करवाया जाएगा। उसके आधार पर थाने से परीक्षा केंद्र तक पेपर पहुंचाने की ट्रैकिंग की जाएगी। कलेक्टर प्रतिनिधि परीक्षा केंद्र पर पहुंचकर यह सुनिश्चित करेंगे कि केंद्र पर सभी के मोबाइल बंद होकर सील्ड हो गए हैं। साथ ही केंद्राध्यक्ष के रूम या कंट्रोल रूप में कोई भी पेपर नहीं खोला जाएगा।
सुबह 10 बजे तक रहेंगे उपस्थित
कलेक्टर प्रतिनिधियों की नियुक्ति का कार्य 15 जनवरी तक पूर्ण किया जाना है। कलेक्टर प्रतिनिधि प्रतिदिन परीक्षा केंद्र पर सुबह 10 बजे तक उपस्थित रहेंगे। कलेक्टर के प्रतिनिधि की अनुपस्थिति में संबंधित केंद्राध्यक्ष द्वारा जिला कलेक्टर अथवा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत (नोडल अधिकारी) को दूरभाष पर सूचित कर उनके निर्देशानुसार थाने से प्रश्न-पत्र निकालने की कार्यवाही करेंगे।
पांच फरवरी से शुरू होंगी परीक्षाएं
बोर्ड परीक्षाएं पांच फरवरी से शुरू होंगी। दोनों परीक्षाओं में 18 लाख से अधिक विद्यार्थी शामिल होंगे। सत्र 2022-23 की मार्च में आयोजित दसवीं-बारहवीं की परीक्षा में कई पेपर आउट हुए थे। इसके बाद माशिमं की कार्यपालिका समिति ने प्रश्र-पत्रों की गोपनीयता भंग करने पर दस साल की जेल व दस लाख रुपए जुमार्ना समेत कई प्रस्ताव पारित कर शासन को भेजे।

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