Header Ads Widget

Responsive Advertisement

इंदौर की मोदीजी की नसिया में मनी मुकुट सप्तमी:पारसनाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक पर बनाई गई 18 फीट ऊंची स्वर्ण भद्र टोंक पर चढ़ाया लाड़ू

मोदीजी की नसिया में बुधवार को मुकुट सप्तमी के दिन श्री सम्मेद शिखर की प्रतिकृति की भव्य रचना की गई और 18 फीट ऊंचाई पर भव्य स्वर्ण भद्र टोंक बनाई। इस पर लाड़ू चढ़ाया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में भक्तजन एकत्रित थे।

चातुर्मास कमेटी के प्रमुख राजकुमार पाटोदी, राकेश विनायका एवं प्रचार प्रमुख सतीश जैन ने बताया कि बताया कि प्रातः 8 बजे नसिया से एक विशाल रथ यात्रा निकाली गई, जो मल्हारगंज क्षेत्र में घूम कर वापस नसिया पहुंची। 24 पालकी पर 24 भगवान विराजित थे और एक विशेष रथ पर भगवान पारसनाथ की प्रतिमा थी। नसिया आने पर 25 पांडुक शिला पर 25 भगवान विराजित किए गए। तत्पश्चात प्रत्येक भगवान का अभिषेक किया गया। आचार्य विहर्ष सागर महाराज जी ने शांतिधारा करवाई। अंत में लाडू चढ़ाया गया। भगवान पारसनाथ का मोक्ष कल्याणक होने के कारण उनको तीन विशेष लाडू भी समर्पित किए गए।

शोभायात्रा में बड़ी संख्या में शामिल हुए श्रद्धालु।
शोभायात्रा में बड़ी संख्या में शामिल हुए श्रद्धालु।

चंचल देवी वरुण बड़जात्या परिवार, मंजू -अशोक पहाड़िया परिवार, अशोक संगीता जैन परिवार (नागालैंड) सुंदरलाल शीला डोशी, बलौदा परिवार ने लाडू समर्पित किए। रथ के सारथी बने महेश जैन। मंडप उद्घाटन अजीत मीनाक्षी जैन परिवार ने किया। चांदी की पालकी में पारसनाथ भगवान को प्रिंसपाल टोंग्या परिवार ने विराजित किया।

आचार्यश्री ने अपने प्रवचन में विस्तृत रूप से बताया कि मुकुट सप्तमी क्यों मनाई जाती है। मंच पर मुनि विजयेश सागर महाराज एवं मुनि विश्व हर्ष सागर महाराज विराजित थे। इस अवसर पर अन्य वरिष्ठजन ने भी 24 पालकियों पर 24 तीर्थंकरों को विराजमान कर शोभायात्रा में घुमाया। करीब 3 घंटे घूमने के बाद यात्रा पुन: नासिया पहुंची। जगह-जगह अचार्य संघ का पाद प्रक्षालन किया गया एवं आरती उतारी गई।

शोभायात्रा में चंवर डुलाते एक भक्त।
शोभायात्रा में चंवर डुलाते एक भक्त।

इस अवसर पर योगेंद्र काला, दिलीप पाटनी, रिषभ पाटनी, जयदीप जैन, नीरज मोदी, मनोज काला, वितुल अजमेरा , राजेंद्र सोनी , कमल कला,रितेश पाटनी, पारस पांड्या,सोशल ग्रुप फेडरेशन इंदौर रीजन के सभी पदाधिकारी विशेष रूप से पुष्प ग्रुप के सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन ब्रह्मचारी सुनील भैया एवं अंकित वाणी ने किया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ