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कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन 24 से:कांग्रेस की एआईसीसी मेंबर सूची में इंदौर से 11 नाम

रायपुर में 24 से 26 फरवरी तक होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन के चार दिन पहले कांग्रेस ने मप्र से बनाए गए एआईसीसी के 99 सदस्यों की सूची जारी कर दी। - Dainik Bhaskar

रायपुर में 24 से 26 फरवरी तक होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन के चार दिन पहले कांग्रेस ने मप्र से बनाए गए एआईसीसी के 99 सदस्यों की सूची जारी कर दी।

रायपुर में 24 से 26 फरवरी तक होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन क़े  चार दिन पहले कांग्रेस ने मप्र से बनाए गए एआईसीसी के 99 सदस्यों की सूची जारी कर दी। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ समेत पूर्व पीसीसी चीफ दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया और अरुण यादव शामिल हैं। 99 सदस्यों में इंदौर के 11 नाम शामिल है। इसमें राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे तो प्रदेश कांग्रेस के चार पदाधिकारी शामिल हैं।

टीम कमलनाथ में शामिल सीपी शेखर, के.के. मिश्रा, शोभा ओझा पहले से ही अलग-अलग पदों पर हैं, वहीं पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल एआईसीसी के सचिव हैं। पूर्व मंत्री व विधायक जीतू पटवारी के अलावा पूर्व मंत्री, विधायक सज्जन सिंह वर्मा, दोनों विधायक संजय शुक्ला, विशाल पटेल और अल्पसंख्यक नेता शेख अलीम को भी इसमें शामिल किया गया है।

पूर्व प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष अर्चना जायसवाल भी इसमें शामिल हैं। जारी एआईसीसी सूची में परिवारवाद जमकर हावी रहा। हालांकि इंदौर से अलग-अलग नेता पदों के कारण ही शामिल किए गए हैं। पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू और एआईसीसी के सेक्रेटरी स्वप्निल कोठारी को इस सूची में जगह नहीं मिल सकी।

नई व्यवस्था से कम हुई मप्र से डेलीगेट की संख्या, संगठन में मिलेगी जिम्मेदारी

मल्लिकार्जुन खड्गे के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद कांग्रेस का यह पहला राष्ट्रीय महाअधिवेशन होगा। इस अधिवेशन के लिए पूरे देश में एआईसीसी सदस्यों (डेलीगेट) का नामांकन किया जा रहा है। एआईसीसी डेलीगेट की संख्या का निर्धारण प्रत्येक राज्य में कांग्रेस की जिला एवं ब्लॉक इकाइयों की संख्या के आधार पर होता आया है। इस बार मध्यप्रदेश से 99 डेलीगेट का चयन किया गया, जबकि पिछली बार प्रदेश से 135 डेलीगेट बनाए गए थे।

इसके पीछे मुख्य कारण यह रहा कि 2017 में जितने ब्लॉक थे, उससे अधिक ब्लॉक एआईसीसी से स्वीकृत होने की उम्मीद में अतिरिक्त डेलीगेट बना लिए गए थे, जिससे यह संख्या 135 तक पहुंच गई थी। इस बार आशा थी कि डेलीगेट की संख्या 135 से भी अधिक हो जाएगी और उसी हिसाब से करीब 200 नाम भोपाल से दिल्ली भेजे गए थे, लेकिन एआईसीसी ने इस बार निर्णय लिया कि जो नए ब्लॉक भविष्य में बनने हैं, उनकी प्रत्याशा में कोई डेलीगेट न बनाया जाए। इससे डेलीगेट की संख्या बढ़ने के बजाय कम हो गई। प्रदेश कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार जो महत्वपूर्ण नाम इस सूची में स्थान नहीं पा सके हैं, उन्हें संगठन में नई जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं।

पिता-पुत्रों की जोड़ी चर्चा में
सूची में तीन पिता-पुत्रों की जोड़ी है, जिनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह और बेटे पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री व विधायक कांतिलाल भूरिया और बेटे युवा कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया का नाम शामिल है। दिग्विजय के अन्य निकटतम में उनके छोटे भाई लक्ष्मण सिंह और भतीजे प्रियव्रत सिंह का नाम भी है। सूची में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और उनके मामा पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह का नाम भी शामिल है।

सिंघार और यादव का नाम भी नहीं
एआईसीसी में 71 सदस्य निर्वाचित हुए हैं, जबकि 28 सदस्य कोऑप्ट यानी समायोजित किए गए हैं। इसी तरह सूची में सभी वरिष्ठ नेताओं और क्षेत्रीय संतुलन का पूरा ख्याल रखा गया है। ये प्रतिनिधि रायपुर अधिवेशन में शामिल होंगे। सूची में पारिवारिक विवादों में घिरे पूर्व मंत्री उमंग सिंघार का नाम नहीं है।

अरुण यादव के भाई सचिन यादव को भी जगह नहीं मिल पाई है। हीरालाल अलावा, पांचीलाल मेड़ा के नाम भी नहीं हैं। वरिष्ठ विधायकों में कुंवर विक्रम सिंह नातीराजा, आलोक चतुर्वेदी, सुनील सर्राफ, बापू सिंह तवर, रामचंद्र दांगी का नाम नहीं है।

भाजपा ने कहा- डेलीगेट की नहीं, फैमिलीगेट की सूची है

कांग्रेस की डेलीगेट की सूची देखी। यह डेलीगेट की नहीं, फैमिलीगेट की सूची है। कमलनाथ, नकुलनाथ, दिग्विजय सिंह, जयवर्धन सिंह, कांतिलाल भूरिया, विक्रांत भूरिया... कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को कांग्रेस संभालने से ज्यादा हमारी गद्दी कौन संभालेगा, इसकी चिंता है। लेकिन सचिन यादव सिर्फ इसलिए रह गए, क्योंकि उनके भाई अरुण यादव ने सीधे-सीधे कमलनाथ के भावी मुख्यमंत्री बनने पर सवालिया निशान खड़े किए थे। -नरोत्तम मिश्रा, गृह मंत्री

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