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आचार संहिता से पहले तीन बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी:इंदौर में इकोनॉमिक कॉरिडोर, लॉजिस्टिक हब और रतलाम में नए निवेश क्षेत्र का रास्ता साफ

नगर निगम और पंचायत चुनाव के पहले राज्य शासन ने इंदौर रीजन के तीन बड़े इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। इसका बड़ा फायदा इंदौर जिले को होगा, क्योंकि दो अहम प्रोजेक्ट यहीं के हैं। पिछले एक साल से लंबित इकोनॉमिक कॉरिडोर के साथ बेटमा में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक कॉरिडोर और रतलाम में नए इंडस्ट्रीज इन्वेस्टमेंट एरिया को मंजूरी मिली है। एमपीआईडीसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रोहन सक्सेना ने बताया कि तीनों प्रोजेक्ट पर जल्द काम शुरू होगा।

इकोनॉमिक कॉरिडोर | सुपर कॉरिडोर के अंतिम छोर से नैनोद, इंदौर-अहमदाबाद हाईवे को क्रॉस कर राऊ बायपास के आगे एबी रोड पर मिलने वाले इस कॉरिडोर में आईटी पार्क, डेटा सिटी, स्टार्टअप सिटी, फिनटेक सिटी और एरो सिटी डेवलप की जाएगी। करीब 3 हजार एकड़ जमीन अधिकृत होगी। पूरे प्रोजेक्ट में करीब 1500 करोड़ खर्च होंगे, निर्माण लागत ही करीब 1200 करोड़ होगी। 15.5 किमी, लंबे प्रोजेक्ट को इंदौर की स्काय लाइन नाम दिया गया है।

बेटमा में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक कॉरिडोर | यहां करीब 2 हजार एकड़ जमीन में इंडस्ट्रियल इन्वेस्ट एरिया के साथ ही लॉजिस्टिक हब के रूप में डेवलप किया जाएगा। करीब एक हजार करोड़ रुपए लागत होगी। केंद्र के नए नेशनल हाईवे के साथ ही नया रेलवे ट्रैक भी होगा। इससे मप्र को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ा जाएगा।

रतलाम में इंडस्ट्रीज इन्वेस्टमेंट एरिया | पीथमपुर के बाद यह प्रदेश का दूसरा इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट एरिया होगा। यहां इंटीग्रेटेड इंडस्ट्री के साथ ही कमर्शियल, रेसीडेंशियल टाउनशिप भी डेवलप की जाएगी। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के आसपास 4 हजार एकड़ से ज्यादा जमीन पर रतलाम-मंदसौर-नीमच इन्वेस्टमेंट रीजन के रूप में यह तैयार होगा।

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