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डबल रजिस्ट्री की पीड़ा:कालिंदी गोल्ड; शिकायत लेकर दर्जनों पीडि़त पहुंचे कलेक्टोरेट, बोले- प्रशासन हमें जो प्लॉट देना बता रहा, वहां दूसरों का कब्जा

7 साल पहले प्लॉट खरीदा, जब दूसरे को बेचा तो पता चला किसी और ने पहले से रजिस्ट्री करा रखी। - Dainik Bhaskar

7 साल पहले प्लॉट खरीदा, जब दूसरे को बेचा तो पता चला किसी और ने पहले से रजिस्ट्री करा रखी।

कालिंदी गोल्ड में पीड़ितों के प्लॉटों की गफलत दूर नहीं हो रही है। सोमवार को 8 से ज्यादा लोग कलेक्टोरेट पहुंचे। उन्होंने कहा प्रशासन जो प्लॉट हमें या हमारे परिजनों को देना बता रहा है, वहां तो दूसरे लोगों का कब्जा है। धर्मेंद्र हार्डिया ने बताया कि मैंने सी-50 नाम का 1100 वर्गफीट का प्लॉट लिया था, रजिस्ट्री भी कराई।

जब मैं अपने प्लॉट पर मकान बनाने गया तो वहां जगदीश चौधरी नाम का व्यक्ति आया। बोला- यह जमीन मेरी है। मेरा तो अभी चिराग और निकुल कपासी से जमीन का लेन-देन बाकी है। चौधरी ने मेरी कोई बात नहीं सुनी और कहा- आज के बाद मत आना यहां।

कुल शिकायतें 96

  • प्लॉट मिलेंगे 36 को
  • पैसे लौटाने होंगे 60 को
  • कॉलोनाइजर चिराग शाह, हैप्पी धवन
  • कॉलोनी कहां है ग्राम भांग्या से लगी जमीन पर
  • कुल एरिया 122 एकड़

गैरजिम्मेदाराना जवाब : अपर कलेक्टर बोले- हमसे पूछकर नहीं लिया था प्लॉट

स्कीम 54 में रहने वाले दंपती विनीता पति मिलिंद कुलकर्णी ने सात साल पहले प्लॉट खरीदा। जब उन्हें पैसों की जरूरत पड़ी तो 2020 में रमेश जोशी को बेचा, लेकिन इस बीच प्लॉट का दूसरा मालिक अमित रजिस्ट्री लेकर सामने आ गया। दंपती के मुताबिक उसने हमारी 2015 की रजिस्ट्री के चार माह पहले की रजिस्ट्री भी दिखा दी। इस पर रमेश जोशी ने हमारे खिलाफ केस दर्ज करा दिया। जैसे-तैसे जाेशी से राजीनामा किया और 16 लाख रुपए लौटा भी चुके हैं।

इस बीच हमारा मामला कोर्ट में चला गया। दूसरी ओर जिस प्लॉट के हमने पैसे दिए वह तो हमें मिला ही नहीं। एक प्लॉट जो मैंने मेरे नाम से लिया था वह भी आज तक नहीं मिला। लॉकडाउन में पति की फैक्टरी भी बंद हो गई। सोमवार को पति और बेटे के साथ कलेक्टोरेट पहुंची। पता चला कि पीड़ितों की शिकायत अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर सुन रहे हैं। उनके पास पहुंची और उन्हें पूरा मामला बताया।

वे बोले कि आपने प्लॉट लिया था तो उसकी सर्च रिपोर्ट लेना थी। आपने हमसे पूछकर प्लॉट नहीं लिया था। उन्होंने कहा कि इस तरह की समस्या कई लोगों की है। प्रशासन जांच ही इसलिए कर रहा है। इस मामले में कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में चिराग, चंपू और हैप्पी धवन ने हलफनामा दिया है। यदि वे इसका पालन नहीं करेंगे और पीड़ितों का प्लॉट या पैसे नहीं देंगे तो फिर उन पर एफआईआर होगी।

कोरल सेक्टर के 10 प्लॉटों में भी इसी तरह की हेराफेरी, खरीदार परेशान

कालिंदी गोल्ड के ही भूपेंद्र कक्कड़, संजय, ओमप्रकाश हिरवे, सुदीप नायक सहित 10 से ज्यादा लाेगों ने आरोप लगाया कि कालिंदी गोल्ड के कर्ताधर्ताओं ने कोरल सेक्टर के 10 प्लॉटों पर भी धोखाधड़ी की। हमारे यहां सी-141, सी-142, सी-48, सी-49, सी-50 सहित अन्य प्लॉट थे। हम सभी ने कॉलोनाइजर द्वारा दिए प्लॉटों की रजिस्ट्री करा ली थी, पर इन प्लॉटों पर आज तक हमें कब्जा नहीं मिला।

हमें भी जगदीश चौधरी नाम का व्यक्ति कहता है कि मुझे जमीन का पैसा नहीं मिला। इसलिए मैं कब्जा नहीं दूंगा। इस मामले में अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर ने कहा कि हमारी जानकारी में 4 प्लॉटों की डबल रजिस्ट्री हुई है। कुछ लोग वहां ऐसे भी हैं, जो सिर्फ गैंग बनाकर घूमते हैं।

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