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बच्चों के डॉक्टर पहुंचे बस्तियों में तो निकली कड़वी सच्चाई:इंदौर के 10 क्षेत्रों की आंगनवाडियों में 150 की जांच में सामने आए 55 कुपोषित बच्चे

एकेडमी ने शिविर लगाए तो बच्चों में स्वास्थ्य संंबंधी कई परेशानियां देखने को मिलीं, स्कूल छोड़ने वालों की तादाद भी बढ़ी। - Dainik Bhaskar

एकेडमी ने शिविर लगाए तो बच्चों में स्वास्थ्य संंबंधी कई परेशानियां देखने को मिलीं, स्कूल छोड़ने वालों की तादाद भी बढ़ी।

बच्चों के डॉक्टर्स की सोसायटी इंदौर एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक द्वारा शहर के 10 इलाकों में की गई एक स्टडी में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। एकेडमी के एक्सपर्ट ने कुल 300 बच्चों की जांच की, इनमें पांच आंगनवाड़ियों में 150 बच्चों का परीक्षण किया गया। उनमें से 55 बच्चे कुपोषित पाए गए। ये बच्चे पीपल्याहाना से खजराना क्षेत्र के हैं। इन बच्चों में स्किन इन्फेक्शन, एनीमिया व खून की कमी भी देखी गई।

एकेडमी ने सेवाभारती व श्रीश्री रविशंकर की संस्था के साथ 10 बस्तियों को गोद लिया है। अभी प्रारंभिक स्टडी में ये कड़वी सच्चाई सामने आई है। ये भी खुलासा हुआ कि कोविड के बाद कई बच्चे स्कूल छोड़ चुके हैं। उनकी संख्या इस बार काफी बढ़ी है। एकेडमी चिकित्सक नगर, निरंजनपुर व महावीर ट्रस्ट के सहयोग से पीपल्याहाना में शिविर भी लगा चुकी है, ताकि बच्चों की सेहत की स्थिति का पता लगाकर उन्हें उपचार भी दिया जा सके।

अब बच्चों का नियमित चेकअप कराया जाएगा

एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. श्रीलेखा जोशी ने बताया कि हमारे पास 6 महीने से 10 साल तक के 55 कुपोषित बच्चे सामने आए। पोषक तत्वों की कमी के चलते उन्हें आयरन और कैल्शियम की गोलियां भी दी गई। इनमें से कुछ को चाचा नेहरू अस्पताल रैफर किया है।

डॉ. पराग गांधी, डॉ. रत्नेश खरे,डॉ. जितेंद्र गुप्ता सहित अन्य डॉक्टर्स की निगरानी में शिविर लग रहे हैं। ट्रस्ट के अमित कासलीवाल ने बताया कि 51 बच्चों की सूची थी लेकिन जांच में 55 बच्चे थे। इन पांच आंगनवाड़ी के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने में भी मदद कर रहे हैं, ताकि बच्चों को पर्याप्त सुविधाएं मिल पाएं।

जिले में 1400 बच्चे कुपोषित हैं

जिले में 38 सीवियर व 1400 मीडियम कुपोषित बच्चे हैं। इनका उपचार जारी है।1839 आंगनवाड़ी केंद्र हैं। कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां ये केंद्र नहीं हैं। वहां भी सर्वे करा रहे हैं। - सी.एल. पासी, जिला कार्यक्रम अधिकारी

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