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टाइगर स्टेट के लिए बड़ी खबर:रातापानी पहली ऐसी सेंचुरी, जहां पर 80 बाघ और 500 तेंदुए; ये सतपुड़ा नेशनल पार्क से भी ज्यादा

 

इस बार दोगुनी बीटों में मिले हैं बाघ-तेंदुए की मौजूदगी के निशान। - Dainik Bhaskar
इस बार दोगुनी बीटों में मिले हैं बाघ-तेंदुए की मौजूदगी के निशान।

टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश के जंगल से अच्छी खबर आई है। रातापानी सेंचुरी को भले ही प्रदेश सरकार टाइगर रिजर्व घोषित न करे, लेकिन यहां हुई गणना में आई बाघ और तेंदुए की संख्या चौंकाने वाली है। अधिकारियों का कहना है कि सेंचुरी में 60 से 80 बाघ और 500 से ज्यादा तेंदुए होंगे।

पिछली गिनती यानी 2018 के हिसाब से अभी यहां 47 बाघ और 325 तेंदुए हैं। यह देश की पहली ऐसी सेंचुरी बन गई है, जहां सबसे ज्यादा बाघ और तेंदुए हैं। गौरतलब है कि 11 जनवरी तक बाघों की भौतिक गणना हुई है। अब पूरा डाटा देहरादून स्थित वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट जाएगा। वहां विश्लेषण किया जाएगा।

पिछली गणना में 57 बीटों में बाघ की उपस्थित मिली थी

रातापानी सेंचुरी के अधीक्षक सुनील भारद्वाज ने बताया सेंचुरी व औबेदुल्लागंज वन डिवीजन में कुल 152 बीट हैं। 2018 में 57 बीटों में बाघ सक्रिय थे, इस साल 116 बीटों में उपस्थिति के साक्ष्य मिले हैं। वहीं, पिछली बार 85 बीटों में तेंदुआ मिले थे, इस बार 132 बीटों में पाए गए।

सतपुड़ा नेशनल पार्क के बराबर थे रातापानी के बाघ

2018 में पहली बार लैंडस्केप के हिसाब से बाघों की गणना के आंकड़े जारी हुए थे, तब सतपुड़ा व रातापानी के बाघों की संख्या बराबर थी। सतपुड़ा में बाघों की संख्या औसतन 47 थी, जबकि रातापानी में 45 थी। अधिकारियों का मानना है कि 2022 में हुई गणना में बाघों की संख्या में जरूर इजाफा होगा।

किसी भी टाइगर रिजर्व की तरह रातापानी सेंचुरी में भी बाघों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। अनुमान है कि ये दोगुने से ज्यादा हैं। तेंदुए भी 55 फीसदी से अधिक बीटों में दिखाई दिए हैं, जो कि एक उपलब्धि है।

-विजय कुमार, डीएफओ औबेदुल्लागंज वन डिवीजन

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