राजधानी में शुक्रवार को 4 घंटे तक हाई पॉलिटिकल ड्रामा चला। पूरा घटनाक्रम सीएम शिवराज सिंह चौहान और दो पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के इर्द-गिर्द रहा। दिग्विजय टेम और सुठालिया डैम में किसानों की जमीनों के मुआवजा के मसले पर सीएम से मुलाकात करने पर अड़े थे। उन्होंने सीएम निवास पर 4 घंटे धरना दिया।
दोपहर में सीएम के पीएस मनीष रस्तोगी की उनसे फोन पर चर्चा हुई, उन्होंने कहा कि सीएम से 23 जनवरी को सुबह 11.45 बजे का समय तय हुआ है। इस पर दिग्विजय ने रस्तोगी से कहा कि जवाबदारी आपकी, लिखित में दीजिए। हालांकि बाद में बोले कि मैं आप पर भरोसा कर रहा हूं, लेकिन अब मुलाकात नहीं हुई तो परिणाम गंभीर होंगे।
कमलनाथ बोले- मुझे तो मुख्यमंत्री ने बताया कि दिग्विजय सिंह यहां धरने पर बैठे हैं
दिग्विजय के बंगले के सामने से गुजर गए सीएम
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह डेढ़ महीने से डूब प्रभावित किसानों के प्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री से मिलवाने के लिए समय मांग रहे थे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। आखिरकार 21 जनवरी का समय मिला, लेकिन उसे भी एक दिन पहले रद्द कर दिया गया। नाराज दिग्विजय, समर्थकों के साथ शुक्रवार को धरने पर बैठ गए। इससे पहले सीएम का काफिला दिग्विजय के बंगले के सामने से स्मार्ट सिटी में पौधरोपण के लिए निकला, जब तक दिग्विजय बाहर आते कारकेड गुजर गया। किसानों ने शिवराज मुर्दाबाद के नारे लगाए।
ये मुलाकात बाय चांस
कमलनाथ ने मुलाकात को बाय चांस बताते हुए कहा- मैं छिंदवाड़ा से भोपाल लौटा, उसी समय शिवराज जी भी देवास दौरे के तहत स्टेट हैंगर पर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि दिग्विजय धरने पर बैठे हैं। मुझे उन्हें समय देने में कोई परहेज नहीं। मैंने कहा कि इस संबंध में दिग्विजय से बात करूंगा।
सीएम ने मीडिया से कहा- उनसे बस नमस्ते, राम-राम हुई।
नाथ बोले- मैं किसी से टाइम नहीं लेता
- धरनास्थल पर पहुंचे कमलनाथ ने कहा- मैं किसी से टाइम नहीं लेता। उन्होंने कहा कि मुझे तो दिग्विजय सिंह ने अभी सच्चाई बताई कि वो तो डेढ़ महीने से शिवराज से मिलने का समय मांग रहे थे।
- आखिरकार सीएम के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी से फोन पर 23 जनवरी को मुलाकात का समय मिलने के बाद करीब 3 बजे धरना खत्म हुआ। रस्तोगी से हुई बातचीत को दिग्विजय ने स्पीकर पर सभी को सुनाया।
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