आखिरकार 34 साल बाद कुलकर्णी भट्ठा पुल बनकर तैयार हो गया है। इसकी 100 फीट चौड़ी एप्रोच रोड बनाई जाना है। सोमवार को इसमें बाधक करीब 125 दुकान-मकान निगम ने तोड़े। कल्याण मिल के पास मकानों से कार्रवाई शुरू की। इसके बाद निगम ने अपने स्वामित्व की 50 साल पुरानी 52 दुकानें तोड़ी। ब्रिज सेल प्रभारी अनूप गोयल ने बताया कि यहां दो मकानों पर कोर्ट का स्टे है। एक की तारीख 25 व दूसरे की 27 जनवरी है। यहां किराएदार और मकान-मालिक का विवाद भी चल रहा है।
बंसी प्रेस की चाल के पास विवाद
बंसी प्रेस की चाल ट्रस्ट के 17 किराएदारों के मकान भी निगम ने तोड़े। अमित ठाकुर का बाधक निर्माण तोड़ा तो उन्होंने उपायुक्त लता अग्रवाल से विरोध किया। उन्होंने कहा पहले भी चौराहा चौड़ा करने घर तोड़ा था। बाद में परिवार को बुढ़ानिया में फ्लैट दिलाने पर सहमति बनी।
सुनवाई से पहले निर्माण टूट चुके थे
रोड से प्रभावित 12 से ज्यादा परिवारों ने सुबह 10 बजे सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। जस्टिस एएम खानविलकर की खंडपीठ ने दोपहर दो बजे सुनवाई की। इस वक्त तक निगम सभी बाधक निर्माण तोड़ चुका था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता यहां सीधे आ गए। उन्हें हाई कोर्ट में अपनी बात रखनी चाहिए थी।
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