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स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट:इंदौर अब कार्बन क्रेडिट बेचकर करोड़ों रु. कमाएगा; मंदसौर, सीहोर, चंडीगढ़, ईटानगर सहित 10 से ज्यादा शहरों से टाइअप

 

इस बार 1,69,506 टन कार्बन क्रेडिट बेचकर 8.34 करोड़ कमाए, पिछली बार 69 लाख रुपए की हुई थी आय। - Dainik Bhaskar
इस बार 1,69,506 टन कार्बन क्रेडिट बेचकर 8.34 करोड़ कमाए, पिछली बार 69 लाख रुपए की हुई थी आय।

कार्बन क्रेडिट बेचकर करोड़ों कमाने वाली इंदौर स्मार्ट सिटी अब दस से ज्यादा शहरों के एनर्जी सेविंग प्रोजेक्ट्स को यूरोपीय मार्केट में सेल कर आमदनी करेगी। प्रारंभिक तौर पर इंदौर स्मार्ट सिटी ने मंदसौर, सीहोर, चंडीगढ़, ईटानगर व संभाग के शहरों से टाइअप कर लिया है। इसके अलावा मेडिकैप्स और जीएसआईटीएस से भी बात हो गई है।

इंदौर स्मार्ट सिटी ने 1,69,506 टन कार्बन क्रेडिट से 8.34 करोड़ की आय इस वित्तीय वर्ष की है। इसमें 600 टीपीडी कंपोस्ट प्लांट से 150902 टन, बायो मिथेनाइजेशन प्लांट से 7003 टन, सोलर एनर्जी से 2001 टन कार्बन क्रेडिट बर्लिन की कंपनी को बेचा गया है।

पिछले वित्तीय वर्ष में 1.70 लाख कार्बन क्रेडिट बेचकर 69 लाख रुपए कमाए थे, तब मार्केट वेल्यू 0.5 डाॅलर थी। कार्बन क्रेडिट में नए प्रोडक्ट जैसे सोलर वाटर हीटर, सोलर पैनल रूफटॉप, पौधा रोपण, इलेक्ट्रिक व्हीकल, ग्रीन बिल्डिंग, कंपोस्टिंग, बायोगैस प्लांट और मेट्रो ट्रेन भी शामिल हैं।

अभी कमाई में नं.वन अब बनेगा रोल मॉडल

स्मार्ट सिटी सीईओ ऋषव गुप्ता ने बताया इंदौर कार्बन क्रेडिट कंसल्टेशन का रोल मॉडल बनकर उभरेगा। इंटरनेशनल मार्केट में कार्बन क्रेडिट की डील करेगा। इस भी शहर के प्रोजेक्ट होंगे उनसे पहले एमओयू साइन किया जा रहा है। इसमें रेवेन्यू की राशि का पचास प्रतिशत हिस्सा इंदौर को मिलेगा।

किसी प्रोजेक्ट पर कितनी कार्बन क्रेडिट

  • प्रोजेक्ट कार्बन क्रेडिट
  • बायोमिथेनाइजेशन 210 क्रेडिट (टन प्रतिदिन)
  • कंपोस्ट बनाना 215 क्रेडिट (टन प्रतिदिन)
  • मेट्रो ट्रांसपोर्ट रूट के मुताबिक
  • जंगल तैयार करना 30 क्रेडिट प्रति हेक्टेयर
  • इलेक्ट्रिक वाहन किमी के हिसाब से
  • एलईडी 9 वॉट के बल्ब पर 0.13 क्रेडिट
  • पॉवर प्रोजेक्ट 2051 क्रेडिट प्रति मेगावॉट
  • सोलर वाटर हीटर 0.4 मीटर प्रति वर्ग मीटर
  • सोलर रूफटॉप 1600 क्रेडिट

कार्बन क्रेडिट बेचने की यह है अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया और चुनौती

  • 10 लाख रजिस्ट्रेशन फीस- कार्बन क्रेडिट के लिए रजिस्ट्रेशन फीस ही 10 लाख रुपए है।
  • जटिल प्रक्रिया- इसमें कागजी कार्रवाई के साथ ही फॉर्म भरने सहित जानकारियां एकत्र करना होती है। इसके लिए अलग से जानकारों की टीम लगाना होती है।
  • खुला मंच नहीं मिलता- कार्बन क्रेडिट की वैल्यू है, लेकिन यूरोप और अमेरिका के कौन से शहर और कंपनियां इसे लेना चाहती हैं, इसका ओपन मार्केट नहीं है। यह सिर्फ इंटरनल इनपुट से पता चलता है।
  • खर्च भी लाखों में- इसके एक्सपर्ट और कंसल्टेंट की फीस सहित अन्य चार्जेस भी लाखों में होते हैं।

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