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नई एजुकेशन पॉलिसी:दो नहीं, तीन घंटे का ही होगा पेपर, मूल्यांकन में नया मार्किंग सिस्टम

 

  • उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किया नोटिफिकेशन

उच्च शिक्षा विभाग ने आखिरकार नई एजुकेशन पॉलिसी का नोटिफिकेशन जारी कर दिया। मूल्यांकन के लिए नया मार्किंग सिस्टम भी लागू किया गया है। अहम बात यह है कि पहले की तरह परचा तीन घंटे का हाेगा। पहले सिलेबस जारी करते समय कहा गया था कि दो घंटे का पेपर हाेगा। सभी पेपर में प्रश्न दीर्घ उत्तरीय, लघु उत्तरीय व वस्तुनिष्ठ हाेंगे।

हिंदी-अंग्रेजी, पर्यावरण का परचा ढाई घंटे का हाेगा। अब कंटीन्यूस एंड कंप्रिहेंसिव इवैल्यूऐशन (सीसीई) साल में चार बार हाेंगे, लेकिन मान्य तीन ही हाेंगे। जिस सीसीई में छात्र काे सबसे कम अंक प्राप्त हाेंगे, उसे मार्कशीट में नहीं जाेड़ा जाएगा, यानी 10-10 अंकाें के तीन सीसीई के आधार पर अंक जुड़ेंगे। कुल 30 अंकाें के सीसीई हर विषय में रहेंगे। नई एजुकेशन पॉलिसी में ऑटाेनाेमस कॉलेजाें के लिए भी कुछ जरूरी शर्तें लागू की गई हैं।

80 मेजर माइनर विषय के पेपर की मार्किंग तय की जाएगी। मेजर विषयों में 60 से 75 अंक जबकि माइनर विषय में 50 अंक तक मार्किंग पद्धति में मूल्यांकन के लिए उपयोग किए जाएंगे। इसके लिए सात से आठ प्रश्न होंगे। इन का प्रारूप भी गाइडलाइन में ही तय किया गया है। नई एजुकेशन पॉलिसी में इस साल से ही यूजी कोर्स चार साल का कर दिया गया है। एक साल में पढ़ाई छोड़ने पर सर्टिफीकेट, दूसरे वर्ष में डिप्लोमा और तीसरे वर्ष में डिग्री मिलेगी।

छात्र ग्रेजुएशन में चार साल का कोर्स पढ़ेंगे

1.छात्र ग्रेजुएशन में चार साल का कोर्स पढ़ेंगे,उन्हें पीजी यानी पोस्ट ग्रेजुएशन एक साल का ही करना होगा। यूजी के तीसरे वर्ष का स्कोर 7.5 होने पर ही चौथे वर्ष में प्रवेश मिल सकेगा। इन छात्रों को चौथे वर्ष में रिसर्च मैथोडोलॉजी पढ़ना होगी। डिग्री भी इन्हें ऑनर्स(एवं रिसर्च) नाम से मिलेगी। नई एजुकेशन पॉलिसी में यूजी कोर्स में पहले साल में पढ़ाई छोड़ने पर सर्टिफिकेट मिलेगा। दूसरे साल के बाद एडवांस सर्टिफिकेट या डिप्लोमा मिलेगा। वहीं तीसरे साल के बाद डिग्री मिलेगी।

2.जबकि पीजी में पहला दो साल का मास्टर्स होगा। यह उनके लिए होगा, जिन्होंने तीन साल का डिग्री कोर्स किया है।

3.दूसरा विकल्प चार साल के डिग्री कोर्स यानी ऑनर्स- रिसर्च के छात्रों के लिए होगा। ये छात्र एक साल का मास्टर्स अलग से कर सकेंगे, जबकि तीसरा विकल्प 5 साल का इंटीग्रेटेड प्रोग्राम वालों के लिए होगा।

कुल देना हाेंगे दस पेपर

  • यूजी छात्रों को अपने मूल विषय और फाउंडेशन कोर्स के साथ एक वैकल्पिक (जेनरिक) और एक वोकेशनल कोर्स भी पढ़ना होगा। अभी एक छात्र को 3 विषयों (फाउंडेशन अलग) के कुल 9 पेपर देना होते थे। अब उन्हें 6 विषयों के 10 से 11 पेपर देना होंगे।
  • अब छात्र को उसके मूल संकाय (मान लीजिए बीएससी) के तीन विषयों में से एक मेजर और दो माइनर के तौर पर चुनना ही होंगे। चौथे वैकल्पिक (जेनरिक) विषय में किसी अन्य संकाय का भी एक विषय चुनना होगा। जबकि पांचवां वोकेशनल यानी व्यावसायिक विषय चुनना होगा। छठे विषय के रूप में फाउंडेशन कोर्स पहले की तरह रहेगा।

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