- इटली की पडुआ यूनिवर्सिटी और लंदन के इम्पीरियल कॉलेज ने की स्टडी
- कोरोना के संक्रमित हुए 3 हजार मरीजों को 9 महीने तक ट्रैक किया गया
कोरोना का एक बार संक्रमण होने के बाद एंटीबॉडीज शरीर में कितने दिनों तक रहती हैं, यह सवाल हमेशा से चर्चा में रहा है। हालिया रिसर्च में वैज्ञानिकों ने इसका जवाब दिया है। वैज्ञानिकों का कहना है, संक्रमण के 9 महीने बाद तक शरीर में एंटीबॉडी का लेवल हाई रहता है। चाहें मरीज में संक्रमण के बाद लक्षण दिखे हों या मरीज एसिम्प्टोमैटिक रहा हो। यह दावा इटली की पडुआ यूनिवर्सिटी और लंदन के इम्पीरियल कॉलेज मिलकर की है।
98.8 फीसदी मरीजों में मिली एंटीबॉडीज
पिछले साल फरवरी और मार्च में इटली शहर में 3 हजार कोरोना पीड़ितों के डाटा की एनालिसिस की गई। इनमें से 85 फीसदी मरीजों की जांच की गई। मई और नवम्बर 2020 में एक बार फिर मरीजों में जांच करके एंटीबॉडीज का स्तर देखा गया। जांच में सामने आया कि जो फरवरी और मार्च में संक्रमित हुए थे उनमें से 98.8 फीसदी मरीजों में नवम्बर में भी एंटीबॉडीज पाई गईं।
लक्षण और बिना लक्षणों वालों में एंटीबॉडीज का स्तर एक
इम्पीरियल कॉलेज के रिसर्चर इलेरिया डोरिगाटी का कहना है, रिसर्च के दौरान पाया गया कि लक्षण वाले और बिना लक्षण वाले मरीजों में एंटीबॉडीज का स्तर एक जैसा था। यह बात भी साफ हुई कि कोरोना के लक्षण और संक्रमण कितना गंभीर था, इसका एंटीबॉडीज के स्तर पर कोई असर नहीं पड़ा।
हर 4 में एक पीड़ित ने परिवार में संक्रमण फैलाया
पडुआ यूनिवर्सिटी के रिसर्चर एनरिको लावेज्जो कहते हैं, जिस शहर के लोगों को रिसर्च में शामिल किया था, मई में वहां की 3.5 आबादी संक्रमित हो चुकी थी। इनमें से ज्यादातर एसिम्प्टोमैटिक थे। रिसर्च के दौरान यह सामने आया कि हर 4 में से एक इंसान ने अपने परिवार में संक्रमण फैलाया।
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