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तीसरी लहर के लिए इंदौर तैयार:10 हजार से ज्यादा बेड का इंतजाम

 

320 अस्पताल और 12 हजार बेड, यानी 333 आबादी पर एक बेड।

डब्ल्यूएचओ ने कोरोना की तीसरी लहर अगस्त से आने की घोषणा की है। इस लिहाज से इंदौर का मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर कितना तैयार है? अस्पतालों में 10 हजार बेड का इंतजाम हो रहा है। वहीं डब्ल्यूएचओ के मानकों अनुसार अमेरिका, इंग्लैंड की तरह ही इंदौर में भी प्रति एक हजार की आबादी पर तीन बेड और डॉक्टर मौजूद हैं। सेंट्रल इंडिया में यदि कोई व्यक्ति बीमार होता है तो वह सबसे पहले इंदौर ही आता है। 300 से ज्यादा छोटे-बड़े अस्पतालों में हर साल 10 लाख का इलाज होता है।

इंदौर का मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर
इंदौर में देश के कई प्रमुख ग्रुप के अस्पताल हैं। आने वाले सालों में कुछ और बड़े ग्रुप आने वाले हैं। इनमें मुंबई के एक ग्रुप का तो काम भी तेजी से चल रहा है। गंभीर इलाज के लिए भी मुंबई, दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा।

  • 320 अस्पताल और 12 हजार बेड यानी 333 आबादी पर एक बेड।
  • 1000 की आबादी पर औसतन 3 बेड हैं इंदौर में।
  • 7,000 नर्सिंग स्टाफ यानी प्रति 571 की आबादी पर एक नर्स।
  • 4000 फार्मासिस्ट, पैरामेडिकल स्टाफ यानी प्रति एक हजार की आबादी पर एक।
  • 4000 डॉक्टर यानी प्रति एक हजार की आबादी पर एक डॉक्टर।

इंदौर में औसतन हर फील्ड में 200 विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद हैं

  • 275 आर्थोपेडिक डॉक्टर
  • 100 के करीब कार्डियोलॉजिस्ट
  • 100 चेस्ट फिजिशियन
  • ​​​​​220 गायनेकोलॉजिस्ट
  • 220 पीडियाट्रिक्स
  • 180 ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट

और देश में 18.99 लाख बेड हैं

  • 1000 आबादी पर 1.4 बेड हैं देश में।
  • 700 की आबादी पर औसत एक बेड।
  • 11.54 लाख एलोपैथी डॉक्टर
  • 29.66 लाख नर्स
  • 11.25 लाख फार्मासिस्ट उपलब्ध हैं

और विदेशों में ऐसी है स्थिति

  • अमेरिका व इंग्लैंड- 1000 की आबादी पर 3 बेड
  • चीन- 1000 की आबादी पर 4 बेड
  • ब्राजील- 1000 की आबादी पर 2 बेड


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