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कार्यक्रम में ही मिलावट:दूध कैसे रहे शुद्ध; 15 मिनट भी नहीं चला 2 घंटे का प्रशिक्षण

 

प्रशिक्षक ने प्रेजेंटेशन से बताया- मिलावटखोर कैसे फैट गड़बड़ कर देते हैं
  • तय समय से घंटेभर बाद शुरू हुआ, एक घंटे से ज्यादा तक चलता रहा स्वागत-सत्कार

इंदौर दूध विक्रेता संघ की ओर से दूध व्यापारियों को एक दिनी प्रशिक्षण मंगलवार को लाभ मंडपम में दिया गया। उद्देश्य था दूध में मिलावट कैसे रोकी जाए। दोपहर 2 बजे से प्रशिक्षण शुरू होना था, लेकिन अतिथियों के अभाव में तीन बजे शुरू हो पाया। इसके बाद भी राष्ट्रीय प्रशिक्षक केवल 15 मिनट ही प्रशिक्षण दे पाए और फिर एक घंटे तक अतिथियों का स्वागत, सम्मान और उद्बोधन होता रहा। शाम 4 बजे जब अतिथि चले गए तब दूसरे प्रशिक्षक ने अपना प्रेजेंटेशन शुरू कर दिया।

वहीं, जिन व्यापारियों को प्रशिक्षण लेना था, उनकी संख्या भी बहुत कम थी। जिला प्रशासन और एसोशिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज के तत्वावधान में प्रशिक्षण सत्र में सांसद शंकर लालवानी, अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर, एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष प्रमोद डफरिया, इंदौर दूध विक्रेता संघ के अध्यक्ष भरत मथुरावाला, राष्ट्रीय प्रशिक्षक रामनाथ सूर्यवंशी और यशी श्रीवास्तव मौजूद थे।

सत्र का ज्यादातर समय दूध व्यापारियों के उत्साहवर्धन में ही चला गया
सत्र का ज्यादातर समय दूध व्यापारियों के उत्साहवर्धन में ही चला गया। कुछ व्यापारी तो केवल व्यापारियों और अतिथियों को सुनने ही आए थे। कार्यक्रम में प्रशिक्षक सूर्यवंशी ने दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर के माध्यम से समझाया कि किस तरह मिलावटखोर दूध में फैट की गड़बड़ी करते हैं। किस तरह दूध से क्रीम निकालकर उसमें पानी और सपरेटा दूध मिला दिया जाता है।

फैट प्रणाली के आधार पर ही दूध विक्रय की मांग
फैट प्रणाली के आधार पर ही शहर में दूध विक्रय करने को अनुमति देने की मांग भी रखी गई। दुग्ध संघ ने यह भी कहा कि शहर में दूध मंडी की स्थापना के लिए प्रशासन की तरफ से व्यवस्था की जाए। इस मौके पर सांवेर रोड के एक व्यापारी ने कॉर्न स्टार्च से तैयार की गई थैलियों के बारे में भी अतिथियों को जानकारी दी। इस पर अपर कलेक्टर बेड़ेकर ने कहा कि यह प्लास्टिक की थैलियों का एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसके बारे में वरिष्ठ अफसरों से चर्चा करके निर्णय लिया जाएगा।

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