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इंदौर पहला शहर जहां होम आइसोलेशन थेरेपी से 10 हजार से ज्यादा मरीज ठीक हुए।


इंदौर । शहरवासियों को होम आइसोलेशन थेरेपी रास आ रही है। अब तक 10 हजार से ज्यादा मरीज पॉजिटिव आने के बाद घर पर रहकर ठीक हो चुके हैं। यह कुल ठीक हुए मरीजों का 46 प्रतिशत से ज्यादा है। यानी शहर में कोरोना से जंग जीतने वाले हर दूसरे व्यक्ति ने घर पर ही रहकर जंग लड़ी और जीती। यह अच्छा संकेत है। फिलहाल 1300 मरीज हैं, जिनका घर पर इलाज चल रहा है। डॉक्टरों की टीम 24 घंटे इनकी स्थिति पर नजर रखे हुए है।


होम आइसोलेशन टीम के मुख्य समन्वयक डॉ. हेमंत जैन के अनुसार होम आइसोलेशन का सिलसिला 8 मई से जारी है। अब तक 12216 मरीज होम आइसोलेटेड किए जा चुके हैं। इनमें से 10499 कोरोना मुक्त घोषित हो चुके हैं। डॉ. जैन के अनुसार संभवतः इंदौर पहला शहर है, जहां होम आइसोलेशन के जरिए 10 हजार से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं। यह व्यवस्था पूरी तरह से निशुल्क है। 7 अक्टूबर के मेडिकल बुलेटिन के अनुसार शहर में कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या 22742 है यानी कोरोना को हराने वाले हर दूसरे व्यक्ति ने घर पर ही रहकर बीमारी को हराया है।







यह होती है प्रक्रिया


मात्र उन्हीं मरीजों को होम आइसोलेटेड किया जाता है जिनके यहां मरीज को अलग रखने के लिए घर में एक ऐसा कमरा हो, जिसमें अटैच लैट-बाथ की व्यवस्था हो। मरीज पर निगरानी रखने के लिए एक सहायक की जरूरत होती है। किसी भी आपात स्थिति में मरीज को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है।


होम आइसोलेशन का फायदा


- मरीज को घर पर पर्याप्त और समुचित इलाज मिलता है। उसे अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ता है।


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