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मध्‍यप्रदेश में पासपोर्ट आवेदन के साथ फर्जी आयु प्रमाण पत्र के सर्वाधिक मामले


भोपाल। मध्य प्रदेश में पासपोर्ट आवेदन के साथ फर्जी आयु प्रमाण पत्र के सर्वाधिक मामलेसामने आ रहे हैं। आपराधिक प्रकरण छिपाने की शिकायतें भी आई हैं। इस साल अब तक जुर्माने के 1638 प्रकरण सामने आ चुके हैं, जिनमें विदेश मंत्रालय 35 लाख रुपए वसूल चुका है। जबकि प्रदेश में सात साल पहले (2012) तक एक प्रकरण को ही जुर्माने के योग्य पाया गया था, जिसमें गलत जानकारी देने के चलते आवेदक पर एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। अब ऐसे मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।


दो भाइयों की उम्र में मात्र 26 दिन का अंतर


मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि फर्जीवाड़े का एक मामला तो ऐसा भी आया, जिसमें पासपोर्ट आवेदन का जब परीक्षण किया गया तो आयु प्रमाण पत्र गलत पाया गया। आवेदक ने अपनी जन्म तारीख इतनी अधिक घटाकर लिख दी कि उसके छोटे भाई की उम्र से उसकी उम्र में मात्र 26 दिन का अंतर बचा।


दरअसल, कुछ समय पहले उसके भाई ने भी पासपोर्ट बनवाया था, मंत्रालय ने अपने सिस्टम के जरिए परीक्षण कराया तो यह फर्जीवाड़ा सामने आ गया। मामला जबलपुर के सैयद अली और उसके भाई फरहान अली का है। मामला सामने आने के बाद पहले तो संदेह हुआ कि किसी अन्य व्यक्ति का प्रमाण पत्र होगा, लेकिन छानबीन से स्पष्ट हुआ कि जन्म तारीख में फेरबदल कर गलत प्रमाण पत्र बनवाया गया था


सही एवं पूरी जानकारी जरूरी


क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी रश्मि बघेल ने बताया कि अदालत में चल रहे मामले एवं जुड़वां भाई-बहनों की स्थिति में जानकारी न देने की शिकायतें भी ज्यादा आती हैं। उन्होंने बताया कि पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र में मंत्रालय की ओर से कोई ग्रांटिंग अधिकारी नहीं रहता, इसलिए आवेदक जब अपना आवेदन जमा कराता है, उस वक्त उसकी छानबीन अथवा दस्तावेजों के बारे में पूछताछ नहीं होती। ऐसे सभी आवेदनों की जांच बाद में होती, जिससे पासपोर्ट अटक जाते हैं। उन्होंने बताया कि आवेदन में अपने बारे में सही और पूरी जानकारी देना जरूरी है


रोक लग सकती है पासपोर्ट पर


छिंदवाड़ा की अदिति मिश्रा और इंदौर के एक अन्य आवेदक के पासपोर्ट सिर्फ इसलिए अटक गया, क्योंकि उन्होंने अपने जुड़वां भाई-बहन की जानकारी छिपा ली थी। इसी तरह पुराने पासपोर्ट की जानकारी आवेदन में नहीं देना भी बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है। पासपोर्ट अधिकारी ने बताया कि इस तरह के प्रकरणों में 500 से लेकर 5000 रुपए तक पेनल्टी लगती है। मामला गंभीर होने पर पुलिस अथवा कोर्ट के सुझाव पर पासपोर्ट भी रोक दिया जाता है


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