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सिंगारचोली फ्लाईओवर ब्रिज में घटिया निर्माण कार्य को लेकर बुधवार को रिपोर्ट सामने आई है। इसमें ठेकेदार कंपनी की गंभीर लापरवाही सामने आई है


राजधानी के सिंगारचोली फ्लाईओवर ब्रिज में घटिया निर्माण कार्य को लेकर बुधवार को रिपोर्ट सामने आई है। इसमें ठेकेदार कंपनी की गंभीर लापरवाही सामने आई है। दरअसल, कंपनी ने ब्रिज की डिजाइन को ही सही तरीके से नहीं बनाया था। लिहाजा ब्रिज प्रिकास्टेड वाल यातायात का भार ही सहन नहीं कर पाई। यहीं कारण था कि ब्रिज के 70 प्रतिशत सीसी ब्लाक (ब्रिज की दीवार पर लगाई गई सीमेंट की सिल्लियां) भी कई स्थानों से या तो निकल गए या टूट गए।


रिपोर्ट में ब्रिज के कंटूर प्लानिंग को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं। एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद सुधार कार्य पर भी तत्काल रोक लगाने के निर्देश ठेकेदार कंपनी को दिए है। इसमें बताया गया है कि अब मरम्मत का काम भी रिपोर्ट के आधार पर किया जाएगा


ब्रिज की दीवार का नए सिरे से होगा निर्माण


एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि ब्रिज की मजबूती के लिए नए सिरे से काम किया जाएगा। ब्रिज की वाल को नए सिरे से बनाना होगा। इसके लिए इंटर लॉक सिस्टम से लगाए गए सीसी ब्लाक को खोला जाएगा। प्रिकास्टेड वाल का निर्माण के लिए बेस मजबूत किया जाएगा। फिर दोबारा नए सीसी ब्लाक ब्रिज में लगाए जाएंगे। कंटूर और पानी निकासी के लिए भी ब्रिज की डिजाइन को सही किया जाएगा। ब्रिज के अंदर पानी निकासी के लिए लगे पाइप भी नए सिरे से लगाए जाएंगे। फिलहाल इतने ही सुधार कार्य के लिए कंपनी पर करीब 7 करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा


मटेरियल की टेस्टिंग में लगेगा समय


ब्रिज निर्माण में उपयोग किए गए मटेरियल की टेस्टिंग भी की जा रही है। आईआईटी में मटेरियल की जांच की जा रही है। एनएचएआई ने कांक्रीट, डामर, गिट्टी और अन्य निर्माण सामग्री के सैपल लिए थे। रिपोर्ट में यह पता लगाया जाएगा ब्रिज में किस गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग किया गया है। यदि घटिया निर्माण सामग्री की रिपोर्ट मिली तो ठेकेदार कंपनी व जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जा सकती है


प्रोजेक्ट इंजीनियर को हटाने का दिया निर्देश


जांच रिपोर्ट के आधार पर एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने ठेकेदार कंपनी को एक ओर निर्देश दिया है। इसमें प्रोजेक्ट पर काम कर रहे प्रोजेक्ट इंजीनियर को तत्काल हटाने के निर्देश भी दिए गए है। उधर, एनएचएआई के जिम्मेदार अधिकारियों से नोटिस भेजकर जबाव मांगा जा सकता है


इनका कहना है


जांच रिपोर्ट में डिजाइन और टेक्निकल गलतियां मिली है। फिलहाल ठेकेदार कंपनी को मरम्मत का काम बंद करने का निर्देश दिया है। अब मरम्मत का काम भी एनएचएआई के आधार पर कंपनी को करना होगा। कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों को भी प्रोजेक्ट से हटाने का निर्देश दिया है। मटेरियल की रिपोर्ट आना बाकि है


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