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ठेकेदार की लेटलतीफी:राणासागर तालाब के सौंदर्यीकरण का काम अटका

 

राणासागर तालाब का सौंदर्यीकरण पूरा नहीं होने से लोगों में निराशा है। पहले ठेकेदार की लेटलतीफी से काम 3 वर्षों तक कछुआ गति से रेंगता रहा। फिर लगातार दो वर्षों से कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन ने इसे पूरा नहीं होने का मजबूत बहाना दे दिया। बारिश का समय नजदीक है ऐसे में काम इस बार भी पूरा हो पाएगा इसमें संशय है। नगर परिषद जब-जब ठेकेदार को नोटिस जारी करती है वह थोड़ा काम करके फिर से भूल जाता है। अब नगर परिषद अनुबंध निरस्त की कार्रवाई कर बचे काम का दूसरे को ठेका दे सकती है।

उधर, तालाब की पाल कुछ जगहों से बारिश के समय तोड़ी गई थी। उसकी अब तक रिपेयरिंग नही की गई है। तालाब सौंदर्यीकरण के लिए की गई तालाब की पत्थरों से की पिचिंग कुछ जगह से उखड़ गई है। नगर परिषद कार्यालय के करीब पिचिंग के क्षतिग्रस्त हो जाने के बावजूद अभी तक इसकी मरम्मत की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा।

वहीं दूसरी तरफ की इसके चलते तालाब सौंदर्यीकरण पर धब्बा लग रहा है। बनाए गए पाथ-वे पर लोगों ने कब्जा कर अपना सामान रख दिया है। जिससे यहां पैदल चलने के लिए जगह ही नहीं बची। नगर की शान समझे जाने वाले राणासागर तालाब के सौंदर्यीकरण व शुद्धिकरण का कार्य 2 करोड़ 1 लाख रुपए का है। तालाब की पाल पर पत्थरों से पिचिंग की गई थी। जिसमें बड़ी इंजीनियरिंग चूक हुई। बारिश का पानी तालाब में मिले ऐसी कोई व्यवस्था नहीं रखी गई।

बारिश के दौरान जब सड़क पर पानी भर गया तो ताबड़तोड़ में 4 जगह से पिचिंग व पाल को तोड़ दिया गया। चारों जगह रिपेयरिंग नहीं की गई। फिलहाल इस टूटी हुई पाल से तालाब फलिया व रोहित काॅलोनी की नालियों का गंदा पानी तालाब में मिल रहा है।

तालाब में मिल रही गंदी नालियों का पानी रोकने के लिए सीवर इंटरसेप्टर बनाया गया है। उसका काम डेढ़ वर्ष से अधूरा पड़ा है। बताया जा रहा है कि इसमें तालाब की जमीन पर हुए अतिक्रमण बाधक बन रहे थे। ठेकेदार ने नप से इन अतिक्रमण को हटाए जाने के बाद ही काम पूरा किए जाने की बात कही थी। 5 वर्षों बाद भी ये अधूरा ही पड़ा है।
सौंदर्यीकरण में ये होना है काम
तालाब के पानी को प्रदूषित करने वॉली गंदी नालियों को इसमें मिलने से रोका जाना था। इसके लिए सीवर इंटर सेप्टर 1400 मीटर का बनाया जाना था। यह अधूरा पड़ा है। उसमें लगाए गए पाइप की चौड़ाई को लेकर शुरू से सवाल उठ रहे हैं। 3 जगह कल्वर्ट बनाए जाना है।

इससे ताड़ फलिया, तालाब फलिया, रोहित काॅलोनी के गंदे पानी की निकासी मालीपुरा की ओर स्थित तालाब के वेस्ट वियर से की जाएगी। तालाब के चारों ओर पिचिंग की गई है। करीब 1220 मीटर की यह वाल बनाई गई है। तालाब के सभी घाटों का नवीनीकरण किया जाना था।

तालाब के सौंदर्यीकरण में 1200 मीटर की लैंड स्केपिंग की जाना थी। मालीपुरा रोड पर छोटे-छोटे पार्क बनाए जाने थे। इसमें बैठने के लिए कुर्सियां लगाई जानी थी। शो व छांव के लिए छतरियां लगाई जानी थी।

तालाब किनारे व घाटों को जगमगाने के लिए 60 लैंप लगाए जाना प्रस्तावित था। 850 मीटर के घाटों का सौंदर्यीकरण होना था। जो घाट बनाए गए हैं उनकी फर्शियां टूटने लगी है। लगाई गई लोहे की कई रेलिंग गायब हो गई है। जबकि कई जगह रेलिंग लगाई भी नहीं गई।


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