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वैक्सीन का बूस्टर डोज:इंदौर में 32 केंद्रों पर वैक्सीन लगाने का काम शुरू, एमवाय अस्पताल में तीन सेंटर पर हेल्थ वर्कर को लगाया जा रहा है टीका

 

बॉम्बे अस्पताल में एक के स्थान पर अब दो सेंटर बनाकर टीका लगाया जा रहा है।

कोविड-19 वैक्सीनशन कार्यक्रम को रफ्तार देने के लिए सोमवार से 5 की जगह 32 सेंटरों पर वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। सरकारी के साथ ही निजी अस्पतालों को भी सेंटर बनाया गया है। पहले जिन 5 सेंटर में टीकाकरण किया जा रहा था, उनमें से एमवायएच में अब एक की जगह 3 सेंटर, जबकि अरबिन्दो और बॉम्बे अस्पताल में 2-2 सेंटर पर वैक्सीन लगाई जा रही है। इसके अलावा अपोलो और चोइथराम हॉस्पिटल ऐसे दो नए सेटर हैं, जहां पर 2-2 सेंटरों से वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई है।

पहले चरण में 28000 स्वास्थ्य कर्मी पंजीकृत

पहले चरण में कुल 28000 स्वास्थ्य कर्मी पंजीकृत हैं। अब तक 1845 को वैक्सीन लग चुके है। अभी तक एक दिन में अधिकतम 500 स्वास्थ्य कर्मियों को ही वैक्सीन लग पा रहा था। अब कम से कम 3200 स्वास्थ्यकर्मियों को एक दिन में टीका लगेगा। वैसे लक्ष्य तो 3500 लोगों को एक दिन में टीका लगाने का है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पूर्णिमा गडरिया ने बताया कि कुछ जगह सत्रों की संख्या भी बढ़ाई गई है, जिससे उन केंद्रों पर 200 से 300 लोगों को एक ही केंद्र पर वैक्सीन लग पाए।

अब इन सेंटरों पर टीकाकरण

अस्पतालसेंटरों की संख्या
एमवाय अस्पताल3
अरबिन्दो हॉस्पिटल2
अपोलो हॉस्पिटल2
बॉम्बे हॉस्पिटल2
चोइथराम हॉस्पिटल2
पीसी सेठी हॉस्पिटल1
अरण्य डिपेंसरी1
महू सिविल हॉस्पिटल1
हुकुमचंद पॉलिक्लिनिक1
ईएसआईसी1
देपालपुर सीएचसी1
सांवेर सीएचसी1
हातोद सीएचसी1
शेल्बी हॉस्पिटल1
सीएचएल1
विशेष हॉस्पिटल1
ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल1
गोकुलदास हॉस्पिटल1
अरिहंत हॉस्पिटल1
वर्मा यूनियन हॉस्पिटल1

क्लॉथ मार्केट हॉस्पिटल

1

अभी तक इन अस्पतालों में लग रहे थे टीके

अभी तक एमवायएच, अरबिंदो अस्पताल, बॉम्बे हॉस्पिटल, राजश्री अपोलो अस्पताल और ईएसआईसी अस्पताल में ही कोविड-19 एक्टिंग लगाया जा रहा था। अब पीसी सेठी अस्पताल को भी शामिल किया गया है।

10 दिन में 28 हजार को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य

प्रतिदिन 500 स्वास्थ्य कर्मियों के वैक्सीनेशन को देखते हुए ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि 28,000 तक पहुंचने में कम से कम 2 से 3 महीने का वक्त लग जाएगा। इसी बीच उन लोगों को वैक्सीन का डबल डोज भी दिया जाएगा जो एक बार वैक्सीन लगवा चुके हैं। रफ्तार को धीमा देखते हुए सरकार ने टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है, जिससे प्रतिदिन औसतन 3500 स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाएं जा सकें। इस हिसाब से 10 दिन में सभी पंजीकृत 28000 स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीनेशन किया जा सकेगा। ताकि अन्य विभागों के फ्रंटलाइन वर्कर्स की बारी जल्दी आए।

कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और फील्ड सेम्पलिंग वाले अब टीकाकरण टीम में

32 थाना क्षेत्रों के लिए 32 टीमें कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और फील्ड सेम्पलिंग का काम कर रही हैं। इसके अलावा एसडीएम के अधीन भी कुछ टीमें हैं। जिसमें एक मेडिकल ऑफिसर और एक स्टाफ की ड्यूटी रहती है। इसके अलावा 6 टीमें रिलीविंग टीम के तौर पर काम करती हैं। इस तरह कुल 78 लोगों का स्टाफ कांटेक्ट ट्रेसिंग काम में लगा हुआ था। लेकिन अब मरीजों की संख्या कम होने के कारण इन टीमों का ज्यादा उपयोग नहीं हो पा रहा था। एसडीएम टीम सहित अन्य टीमों में कुल 100 लोगों का स्टाफ कांटेक्ट ट्रेसिंग और सैंपलिंग के काम में लगा हुआ था। लेकिन अब मरीजों की संख्या कम होने के कारण यह काम बंद हो चुका है। इसलिए इस स्टाफ की सेवाएं वैक्सीनेशन कार्यक्रम के तहत ली जा रही है। इनमें से एमबीबीएस डॉक्टर को विशेष प्रशिक्षण देकर कोविड-19 वैक्सीनेशन कार्यक्रम के लिए तैयार किया गया है।

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