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501 किलो चांदी से रणजीत हनुमान का गर्भगृह, 51 किलो चांदी से बनेगा खजराना गणेश का सिंहासन

 

130 वर्ष पुराना है पश्चिम क्षेत्र में बना रणजीत हनुमान मंदिर।

  • {552 किलो चांदी से समृद्ध होंगे शहर के दो प्रमुख आस्था के केंद्र नए साल में 552 किलो चांदी से शहर के दो प्रमुख आस्था के केंद्र समृद्ध होने के साथ-साथ संवरेंगे। रणजीत हनुमान मंदिर में 501 किलो चांदी से गर्भगृह और तोरण की सजावट होगी, वहीं 51 किलो चांदी से खजराना गणेश मंदिर में नया सिंहासन बनाया जाएगा। जनवरी में बैठक कर रणजीत हनुमान मंदिर में निर्माण कार्य की समय सीमा तय की जाएगी। खजराना गणेश में सिंहासन का काम भी जल्द ही शुरू होगा।

रणजीत हनुमान : चांदी की दीवार पर उकेरेंगे रामायण के प्रसंग
मुख्य पुजारी दीपेश व्यास के अनुसार गर्भगृह में दोनों ओर दीवार 9-9 फीट चौड़ी। बाबा के पीछे सात फीट चौड़ी और 14 फीट ऊंची दीवारों पर सागवान की लकड़ी का आधार बनाया जाएगा। इसमें 470 किलो चांदी का इस्तेमाल कर परत चढ़ाई जाएगी। फिर दीवारों पर रामायण के प्रसंग जैसे राम का जन्म, शिक्षा, स्वयंवर, वनवास, लंका दहन, दशानन के वध से लेकर राज्य अभिषेक जैसे प्रसंग की नक्काशी की जाएगी। छत पर श्रीराम एवं हनुमत यंत्र स्थापित किया जाएगा। फिलहाल 35 किलो चांदी मौजूद है। सवा दो करोड़ से ज्यादा की लागत का अनुमान है। 130 वर्ष पुराने मंदिर में हनुमान का मुख अग्निकोण की ओर है।

70 किलो चांदी से सजेगा तोरण
तोरण (गर्भगृह के बाहर द्वार) 70 किलो चांदी से सजाया जाएगा। इसका आधार सागवान की लकड़ी से बनाया जाएगा। दोनों ओर दो-दो पिलर होंगे। एक पिलर पर सूर्य व दूसरे पर चंद्रमा बनाए जाएंगे। दोनों ओर हनुमान वानर रूप में विराजमान रहेंगे। बीच में दो मोर बनाए जाएंगे।

राजस्थान के कारीगर करेंगे निर्माण
चुरु (राजस्थान) के कारीगर माणिकचंद जांगीड़ यह काम करेंगे। इन्होंने ही महाकाल मंदिर में नंदी हॉल में चांदी का द्वार बनाया है। निर्माण के लिए मंदिर में पीछे की ओर 20 बाय 30 फीट की कार्यशाला बनाई जा रही है। इसमें टाइल्स निकालकर संगमरमर लगाया जाएगा।

खजराना गणेश : 200 किलो तांबे के बेस पर 40 लाख की चांदी से करेंगे निर्माण
खजराना गणेश के पुराने सिंहासन की लकड़ी पानी के कारण खराब हो गई है। इसलिए नए सिंहासन का निर्माण किया जाएगा। मुख्य पुजारी अशोक भट्‌ट के अनुसार नया सिंहासन लगभग 40 लाख का होगा। पुराने सिंहासन से 33 किलो चांदी निकली है, जो 14 फीट लंबा और साढ़े 4 फीट चौड़ा था।

पुराने सिंहासन की चांदी भी उपयोग की जाएगी। कोई भक्त दान देना चाहेगा तो दान भी लिया जाएगा। इस बार सिंहासन में लकड़ी नहीं लगेगी। 200 किलो तांबे की प्लेट पर 16 से 18 गेज की करीब 50 किलो चांदी से निर्माण होगा। कलेक्टर मनीष सिंह के आदेश पर मंदिर प्रशासक प्रतिभा पाल के साथ उपसमिति की जल्द बैठक होगी।

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